(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) |
विश्व में पहली बार किए गए एक प्रयोग में दक्षिण कोरिया के इंस्टीट्यूट फॉर बेसिक साइंस (IBS) के नैनोमेडिसिन केंद्र और योनसेई विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चुंबकीय क्षेत्रों का उपयोग करके चूहों के मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों को नियंत्रित करने की क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है। इसे नैनो-माइंड तकनीक के नाम से जाना जाता है।
क्या है नैनो-माइंड प्रौद्योगिकी (Nano-MIND Technology)
- इसे नैनो-माइंड (Magnetogenetic Interface for NeuroDynamics) प्रौद्योगिकी के रूप में जाना जाता है।
- यह चुंबकीय क्षेत्रों का उपयोग करके विशिष्ट मस्तिष्क क्षेत्रों को स्वतंत्र रूप से नियंत्रित करने वाली दुनिया की पहली प्रौद्योगिकी है।
- यह संज्ञान, भावना एवं प्रेरणा जैसे जटिल मस्तिष्क कार्यों को समझने और उनमें बदलाव करने की नई संभावनाएँ खोलती है।
अनुप्रयोग
- यह चुंबकत्व का उपयोग करके विशिष्ट गहन मस्तिष्क तंत्रिका सर्किट के वायरलेस, रिमोट एवं सटीक मॉड्यूलेशन में सहायक होती है।
- यह अभिनव दृष्टिकोण लक्षित मस्तिष्क सर्किट को चुनिंदा रूप से सक्रिय करने के लिए चुंबकीय क्षेत्रों एवं चुंबकीय नैनोकणों का लाभ उठाता है, जो मस्तिष्क में हेरफेर (Manipulation) के मौजूदा तरीकों पर एक महत्वपूर्ण उन्नति प्रदान करता है।
- इसके द्वारा संज्ञानात्मक (पार्श्व) हाइपोथैलेमस (Lateral Hypothalamus) में अभिप्रेरण सर्किट (Motivation Circuits) को लक्षित करके आहार व्यवहार को भी सफलतापूर्वक विनियमित किया जा सकता है।
- नैनो-माइंड प्रौद्योगिकी, तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम है और मस्तिष्क-कम्प्यूटर इंटरफेस (BCI) के विकास तथा तंत्रिका संबंधी विकारों के उपचार में इसके परिणाम दूरगामी हो सकते हैं।