चर्चा में क्यों?
हाल ही में, एन.टी.पी.सी. ने भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM), भोपाल के साथ नर्मदा प्राकृतिक सौंदर्य पुनर्स्थापना परियोजना के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
परियोजना के प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम के तहत अनुदान सहायता समान अनुपात में एन.टी.पी.सी. लिमिटेड और संयुक्त राज्य अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय विकास अधिकरण (USAID) के साथ साझेदारी में प्रदान की जाएगी। विदित है कि यू.एस.ए.आई.डी. अमेरिकी सरकार की अंतर्राष्ट्रीय विकास शाखा का एक हिस्सा है।
- आई.आई.एफ.एम. और वैश्विक हरित विकास संस्थान (GGGI) संयुक्त रूप से इस परियोजना को लागू करेंगे। जी.जी.जी.आई, यू.एस.ए.आई.डी. की सहायता से इस परियोजना में भाग लेगा।
- 4 वर्षीय यह परियोजना मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले में ओंकारेश्वर और महेश्वर बांधों के बीच नर्मदा नदी की चयनित सहायक नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में लागू की जाएगी।
उद्देश्य
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नर्मदा घाटी में प्राकृतिक सौंदर्य को टिकाऊ बनाए रखने के लिये एक ऐसी प्रोत्साहन प्रणाली स्थापित करना है, जो नर्मदा नदी घाटी के सहायक वनों व कृषि समुदायों के स्थाई परिदृश्यों को बनाए रखने में सहायक हो।
- इससे नर्मदा की सहायक नदियों में पानी की गुणवत्ता और मात्रा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
- साथ ही, इस परियोजना के माध्यम से जल और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने के लिये प्रकृति-आधारित समाधानों का विस्तार करना है।
भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM)
भोपाल में स्थित ‘भारतीय वन प्रबंधन संस्थान’ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत सरकार से सहायता प्राप्त एक स्वायत्त संस्थान है।
वैश्विक हरित विकास संस्थान (GGGI)
वैश्विक हरित विकास संस्थान एक अंतर-सरकारी संगठन है, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं में टिकाऊ व समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
एन.टी.पी.सी. लिमिटेड (NTPCL)
एन.टी.पी.सी. लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कम्पनी और विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है।