New
The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड

(प्रारंभिक परीक्षा : सामान्य अध्ययन पर्यावरण एवं पारिस्थिकी)

चर्चा में क्यों 

  • हाल ही में विश्ववन्य जीव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पदभार संभालने के बाद पहली बार राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की अध्यक्षता की।
    • NBWL की अंतिम पूर्ण बैठक 5 सितंबर 2012 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी। 
  • बैठक का आयोजन गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में किया गया जिसमें विभिन्न प्रमुख वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। 
    • इसके अलावा घड़ियाल और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए नई संरक्षण पहल की घोषणा के साथ ही प्रोजेक्ट चीता और प्रोजेक्ट लॉयन का विस्तार किया गया।

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के बारे में 

  • परिचय : NBWL वन्यजीव नीति तैयार करने, वन्यजीवों एवं वनों के संरक्षण तथा नए राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों की स्थापना के लिए सिफारिशें देने के मामलों  में देश की सर्वोच्च संस्था है।
  • गठन : बोर्ड का गठन वर्ष 2003 में वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में संशोधन के बाद किया गया था।
  • पृष्ठभूमि : राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थापना मूलतः वर्ष 1952 में स्थापित भारतीय वन्यजीव बोर्ड (IBWL) को पुनर्गठित करके की गई। 
    • इसका उद्देश्य बोर्ड को एक वैधानिक निकाय के रूप में अधिक सशक्त बनाकर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिए इसे अधिक नियामक स्वरूप प्रदान करना था।
  • अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष: बोर्ड के पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री एवं उपाध्यक्ष केंद्रीय पर्यावरण मंत्री होते हैं।  
  • सदस्य : बोर्ड में 47 सदस्य होते हैं, जिसके वरिष्ठ सदस्यों में थल सेनाध्यक्ष, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के सचिव, तीन लोकसभा सांसद,एक राज्यसभा सांसद तथा वन महानिदेशक शामिल होते हैं।
    • इसके अलावा बोर्ड में दस प्रख्यात संरक्षणवादियों, पारिस्थितिकीविदों और पर्यावरणविदों तथा गैर-सरकारी क्षेत्र से भी पाँच व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता है।
  • स्थायी समिति : बोर्ड की एक स्थायी समिति होती है, जिसे राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के भीतर और आसपास वन भूमि पर स्थित परियोजनाओं के साथ-साथ संरक्षित क्षेत्रों के भीतर स्थित परियोजनाओं का मूल्यांकन करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य सौंपे गए हैं। 
    • हालाँकि, समिति के निर्णय अनुशंसात्मक होते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X