प्रमुख बिंदु
- इसका प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये जागरूकता का विस्तार करना और संबंधित कार्यों को सुविधाजनक बनाना है।
- इस दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने एन.सी.ए.पी. के अंतर्गत आठ शहरों में सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप क्षमता निर्माण और सार्वजानिक पहुँच से संबंधित विवरणिका को भी जारी किया।
- इन शहरों के लिये विभिन्न सर्वोत्तम प्रथाएँ एवं उनकी सफलता-
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी दस्तावेज़
- स्वच्छ वायु दिवस के अवसर पर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने निम्नलिखित दस्तावेज़ जारी किया है:
- राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर पर आयोजित किये जाने वाले क्षमता निर्माण और आउटरीच कार्यक्रमों पर दिशा-निर्देश
- एन.सी.ए.पी. के तहत निधियों को जारी करने और उपयोग करने के लिये दिशा निर्देश
- वायु गुणवत्ता घटक के लिये सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिये 15वां वित्त आयोग परिचालन दिशा-निर्देश
- एन.सी.ए.पी. के तहत 8 शहरों की सर्वोत्तम प्रथाएं और सफलता की कहानियां-
- वाहनों के उत्सर्जन को रोकने के उद्देश्य से सतत परिवहन के लिये पुणे और बैंगलोर
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये श्रीनगर, तूतीकोरिन और वाराणसी
- सीवेज प्रबंधन के लिये अकोला
- कार्बन सिंक के रूप में कार्य करने के लिये 33% हरियाली विकसित करने के लिये हैदराबाद
- एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र निगरानी के लिये लखनऊ
- ये सर्वोत्तम प्रथाएँ वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये अन्य शहरों द्वारा स्थायी दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती हैं।
इंटरनेशनल डे ऑफ़ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज़
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 सितंबर को इंटरनेशनल डे ऑफ़ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज़ के रूप में निर्दिष्ट किया है।
- इस वर्षयह वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये राष्ट्रीय कार्रवाई और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की तात्कालिकता पर जागरूकता बढ़ाता है।
- इस दिवस के लिये इस वर्ष की थीम ‘दि एयर वी शेयर’ है।
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