(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण, प्रॉविडेंट फंड, ग्रेच्युटी)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)
संदर्भ
राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) ने जेट एयरवेज (Jet Airways) के नए मालिक जालान-कलरॉक समूह (Jalan-Kalrock consortium) को एविएशन कंपनी के कर्मचारियों के बकाया प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी को चुकाने का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण
- राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) का गठन कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 410 के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेशों के विरुद्ध अपील की सुनवाई के लिए 1 जून, 2016 को किया गया था।
- यह एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है जो कंपनियों से संबंधित विवादों का निर्णय करता है।
- राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण के किसी भी आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की जा सकती है।
कार्य
- एनसीएलएटी 1 दिसंबर, 2016 से दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (आईबीसी) की धारा 61 के तहत एनसीएलटी (एस) द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण भी है।
- एनसीएलएटी IBC की धारा 202 और धारा 211 के तहत भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड द्वारा पारित आदेशों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई के लिए भी अपीलीय न्यायाधिकरण है।
- एनसीएलएटी, वित्त अधिनियम, 2017 की धारा 172 द्वारा कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 410 में लाए गए संशोधन के अनुसार भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा जारी किए गए किसी भी निर्देश या दिए गए निर्णय या आदेश के खिलाफ अपीलों को सुनने और निपटाने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण भी है।
- एनसीएलएटी, कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा 83 द्वारा कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 410 (ए) में लाए गए संशोधन के अनुसार राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण के आदेशों के खिलाफ अपीलों को सुनने और निपटाने के लिए भी अपीलीय न्यायाधिकरण है।
संरचना
- राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण मे एक अध्यक्ष सहित कुछ तकनीकी और न्यायिक सदस्य होते है। सदस्यों की संख्या 11 से अधिक नहीं हो सकती है।
- चयन के लिए योग्यता -
- अध्यक्ष - सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश हो या रहा हो।
- न्यायिक सदस्य - एक उच्च न्यायालय का न्यायाधीश हो या रहा हो, या न्यूनतम 5 वर्ष से अधिकरण का न्यायिक सदस्य हो।
- तकनीकी सदस्य- सिद्ध क्षमता, सत्यनिष्ठा और प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति जिसे औद्योगिक वित्त, औद्योगिक प्रबंधन और पुनर्निर्माण, निवेश और लेखा में कम से कम 25 वर्षों का विशेष ज्ञान और पेशेवर अनुभव हो।
- राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण के अध्यक्ष और न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद की जाती है।
- अधिकरण के तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है, जिसमें शामिल हैं-
- भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित कोई अन्य न्यायाधीश ( यह समिति का अध्यक्ष भी होता है )
- सर्वोच्च न्यायालय का एक वरिष्ठ न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश।
- कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में सचिव।
- कानून और न्याय मंत्रालय में सचिव।
- वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग में सचिव।
- अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, उन्हें अतिरिक्त 5 वर्षों के लिए फिर से नियुक्त किया जा सकता है।