चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक राष्ट्रीय सम्मेलन (तीन दिवसीय) की शुरुआत की गई।
मुख्य बिंदु
- इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय जाँच ब्यूरो द्वारा प्रति वर्ष 27 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह के साथ ही किया जाता है।
- वर्ष 2020 की थीम सतर्क भारत, समृद्ध भारत (Vigilant India, Prosperous India) है।
- इस सम्मलेन में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, आर्थिक अपराध शाखा, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख तथा विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुख शामिल होंगे।
सम्मेलन के विषय
- विदेशी न्यायाधिकार क्षेत्र में जाँच सम्बंधी चुनौतियाँ।
- भ्रष्टाचार के विरूद्ध एक प्रणालीगत जाँच के रूप में निवारक सतर्कता।
- वित्तीय समावेशन तथा बैंक धोखाधड़ी की रोकथाम हेतु प्रणालीगत सुधार।
- भ्रष्टाचार सम्बंधी कानूनों में नवीनतम संशोधन।
- क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण।
- तीव्र और प्रभावी जाँच के मध्य समन्वय।
- साइबर अपराध तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराधों की रोकथाम हेतु आपराधिक जाँच एजेंसियों के मध्य बेहतर समन्वय।
सम्मेलन का महत्त्व
- यह सम्मेलन नीति निर्माताओं तथा व्यवसायियों को एक साझा मंच प्रदान करेगा।
- यह सम्मेलन सुशासन, उत्तरदायी प्रशासन, प्रणालीगत सुधारों एवं निवारक सतर्कता समाधानों के ज़रिये भ्रष्टाचार से निपटने में सहायता करेगा।
- यह सम्मेलन भारत में कारोबारी सुगमता को गति देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भ्रष्टाचार की रोकथाम हेतु सरकार के प्रयास
- सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशानुसार काले धन के विरुद्ध समिति का गठन।
- नकद लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की शुरुआत।
- बेनामी सम्पत्ति लेन-देन निषेध अधिनियम, 2016.
- भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम।
- व्यापक स्तर पर सरकारी सेवाओं तथा आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है।
- B तथा C समूह की नौकरियों में साक्षात्कार की समाप्ति (केवल परीक्षा से ही सीधी भर्ती)।
- स्थानांतरण एवं पोस्टिंग सम्बंधी रिश्वतखोरी की रोकथाम हेतु विभिन्न नीतिगत उपाय।
निष्कर्ष
इन प्रयासों से सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता जैसे मूल्यों के विकास से आम जनता में जागरूकता बढ़ने के साथ ही नागरिक भागीदारी सुनिश्चित हो पाएगी।