New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन सम्मलेन

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत भुवनेश्वर में भारत में पहले राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन सम्मलेन का उद्घाटन किया गया। 

प्रमुख बिंदु

  • इसे हरित जलवायु कोष समर्थित परियोजना- इनहैंसिंग क्लाइमेट रिसाइलेंस ऑफ इंडियाज कोस्टल कम्युनिटीज ने आयोजित किया है
  • सम्मलेन के दौरान बदलती पर्यावरणीय दशाओं के अनुरूप भारत के तटीय क्षेत्र के लचीलेपन के विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
  • भारत द्वारा अपने संशोधित एन.डी.सी. (NDC) जमा करने के बाद यह सम्मलेन हो रहा है। 

उद्देश्य 

  • भारत के सभी 13 समुद्र तटीय राज्यों के अधिकारियों को एक मंच पर लाना।
  • इससे तीन संबंधित विषयों- तटीय एवं समुद्री जैव विविधता, जलवायु न्यूनीकरण एवं अनुकूलन और तटीय प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
  • हितधारकों का एक सक्रिय नेटवर्क तैयार करना। 
  • ये विभिन्न विषयों पर एक-दूसरे के साथ संवाद जारी रखेंगे।
  • ये तटीय शासन, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार तथा घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय वित्त जैसे विषयों को भी साझा करेंगे।
  • भारत में समुद्र तटीय समुदायों के जलवायु लचीलेपन को बढ़ना। 

भारत की समुद्र तटीय स्थिति 

  • उल्लेखनीय है कि भारत की तटीय सीमा लगभग 7,500 किमी. लंबी है। देश के चार महानगरीय शहरों में से तीन तटीय शहर हैं।
  • भारत का तटीय क्षेत्र विश्व का सातवां सबसे लंबा तटीय क्षेत्र है। यहाँ देश की लगभग 20% जनसंख्या निवास करती है।
  • भारत के तटीय क्षेत्र में अत्यधिक जैव विविधता पाई जाती है। अनुमानत: यहाँ 17,000 से अधिक पैड-पौधें एवं जीव-जंतु पाए जाते हैं। 
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR