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नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16,300 करोड़ रुपए के व्यय और सार्वजनिक उपक्रमों आदि द्वारा 18,000 करोड़ रुपए के अपेक्षित निवेश के साथ नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMS) को मंजूरी प्रदान की है।

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के बारे में 

  • वित्त मंत्री ने 23 जुलाई, 2024 को 2024-25 के केंद्रीय बजट में क्रिटिकल मिनरल मिशन की स्थापना की घोषणा की थी।
    • इन खनिजों (मिनरल्स) की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है। ये ऐसे खनिज होते हैं जिनका आर्थिक मूल्य अधिक होता है तथा जिनका उपयोग औद्योगिक अनुप्रयोगों, ऊर्जा उत्पादन एवं धातु विज्ञान में किया जाता है।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन में खनिज अन्वेषण, खनन, सज्जीकरण (Beneficiation), प्रसंस्करण एवं अंतिम उत्पादों से रिकवरी मूल्य शृंखला के सभी चरणों का समावेश होगा। 
  • इस मिशन में खनिज प्रसंस्करण पार्कों की स्थापना और महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण को समर्थन प्रदान करने के प्रावधान शामिल हैं। यह मिशन महत्वपूर्ण खनिजों से संबंधित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देगा और महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़े उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भी करेगा।
  • संपूर्ण-सरकार के दृष्टिकोण को अपनाते हुए यह मिशन अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संबंधित मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों व अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करेगा।

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के उद्देश्य 

  • यह मिशन देश के भीतर और इसके अपतटीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण को गति प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों से संबंधित खनन परियोजनाओं के लिए एक फास्ट ट्रैक नियामक अनुमोदन प्रक्रिया का निर्माण करना है। 
  • यह मिशन महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगा और ओवर बर्डन एवं टेलिंग्स से इन खनिजों की पुनर्प्राप्ति को बढ़ावा देगा।
  • इस मिशन का उद्देश्य भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेशों में महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़ी परिसंपत्तियों को हासिल करने और संसाधन संपन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसमें देश के भीतर महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार के विकास का भी प्रस्ताव है।

नेशनल क्रिटिकल मिनरल के लिए सरकार के प्रयास 

  • महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण व खनन को बढ़ावा देके लिए खान एवं खनिज (विकास व विनियमन) अधिनियम, 1957 को वर्ष 2023 में संशोधित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, खान मंत्रालय ने रणनीतिक खनिजों के 24 ब्लॉकों की नीलामी की है।
  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने विगत तीन वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़ी 368 अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, जीएसआई विभिन्न महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़ी 227 परियोजनाएं शुरू करने जा रहा है। 
  • नवाचार को बढ़ावा देने उद्देश्य से अनुसंधान एवं विकास तथा व्यावसायीकरण के बीच अंतर को पाटते हुए स्टार्ट-अप व एम.एस.एम.ई. का वित्त पोषण करने के लिए मंत्रालय ने वर्ष 2023 में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- स्टार्ट-अप व एम.एस.एम.ई. में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहन’ (S&T  PRISM) कार्यक्रम की शुरुआत की। 
  • इसके अलावा, खान मंत्रालय के संयुक्त उद्यम ‘काबिल’ (KABIL) ने लिथियम के अन्वेषण एवं खनन के लिए अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में अधिग्रहण किया है।
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