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राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा

प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, प्रश्न पत्र-2 

चर्चा में क्यों- शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा का नया राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) तैयार किया है।

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प्रमुख बिंदु-  

इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तैयार एनसीएफ में कहा गया है कि-

  • 9-10वीं कक्षा के लिए सात विषय अनिवार्य होंगे जबकि 11-12वीं कक्षा के लिए छः विषय अनिवार्य होंगे।
  • जिसके तहत 9वीं एवं 10वीं कक्षा के छात्रों को तीन भाषाओं का अध्ययन करना होगा जिसमें दो भारतीय भाषाएं होंगी।
  • वहीं कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा और इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए।
  • विभिन्न स्तरों पर भाषाओं से लोकतांत्रिक एवं ज्ञानमीमांसा आधारित मूल्यों को विकसित करने तथा संस्कृति एवं समाज की विविधता के प्रति सम्मान की भावना (सांस्कृतिक साक्षरता) के विकास में मदद मिलेगी।
  • वर्तमान में- 
    • 9वीं एवं 10वीं कक्षा के छात्र दो भाषाओं का अनिवार्य रूप से अध्ययन करते हैं
    • 11वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्र एक भाषा का अध्ययन करते हैं। 
    • 9वीं एवं 10वीं कक्षा के छात्रों को पांच विषय पढ़ने होते हैं और एक विषय अतिरिक्त शामिल करने का विकल्प होता है।
  • दस्तावेज के अनुसार, बोर्ड परीक्षा भाषा सहित केवल सात विषयों के लिए आयोजित की जाएगी।   
  • कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, सेहत, व्यवसायिक शिक्षा का मूल्यांकन आंतरिक परीक्षा के रूप में होगा।
  • एनसीएफ में अब कहा गया है कि लंबी अवधि में, सभी बोर्डों को सेमेस्टर या टर्म-आधारित सिस्टम में बदलना चाहिए। साल में दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से छात्र अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बरकरार रख सकेंगे।
  • राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन कला, विज्ञान, वाणिज्य ‘स्ट्रीम’ तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि छात्र-छात्राओं को अपनी पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी।
  • कला एवं विज्ञान, पाठ्यक्रम संबंधी या पाठ्येत्तर गतिविधियों तथा व्यावसायिक एवं अकादमिक विषयों के बीच कोई  विभाजन रेखा नहीं होनी चाहिए।
  • पाठ्यचर्या के अनुसार व्यवसायिक शिक्षा, कला शिक्षा और शारीरिक शिक्षा का मूल्यांकन प्रदर्शन आधारित होना चाहिए न कि लिखित परीक्षा आधारित।
  • विज्ञान एवं अन्य विषयों का मूल्यांकन प्रदर्शन आधारित अर्थात प्रयोग करने से जुड़ा होना चाहिए। विषय के अंकों में इसका 20-25 प्रतिशत महत्व होगा।

कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए पाठ्यचर्या तैयार की है और सरकार को सौंपा है तथा सरकार ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को सौंप दिया है। दस्तावेज के अनुसार, बोर्ड्स को इसके लिए उच्च गुणवत्ता की प्रणाली तैयार करनी होगी और इसे लागू करना होगा जो स्थानीय रूप से (स्कूलों में) प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन करेंगे।

प्रश्न:- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा पर कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. 9वीं एवं 10वीं कक्षा के छात्रों को तीन भाषाओं का अध्ययन करना होगा।
  2. 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को न्यूनतम दो भारतीय भाषाओं का अध्ययन करना होगा। 

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

कूट-

(a) केवल 1                          

(b) केवल 2                              

(c) 1 और 2 दोनों                  

(d) न 1 और ना ही 2   

उत्तर - (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - पाठ्यक्रम के  विभिन्न स्तरों पर भारतीय भाषाओं के अध्ययन से सांस्कृतिक साक्षरता के विकास में मदद मिलेगी। व्याख्या कीजिए।

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