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राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्द्धन योजना

चर्चा में क्यों

आपराधिक मामलों में बेहतर सजा दर हासिल करने के लिए देश भर में अधिक वैज्ञानिक जांच करने के प्रयास में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना (NFIES) को मंजूरी दी है।

राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्द्धन योजना

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसके वित्तीय परिव्यय का प्रावधान गृह मंत्रालय के बजट से किया जायेगा। 
  • इस योजना के लिए 2024-25 से 2028-29 की अवधि के दौरान 2,254.43 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय का प्रावधान किया गया है।
  • उद्देश्य : 
    • देश भर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के परिसरों की स्थापना
    • राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय दिल्ली के मौजूदा बुनियादी ढांचे का विस्तार करते हुए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की संख्या में वृद्धि करना। 
  • योजना का महत्व : यह योजना एक कुशल आपराधिक न्याय प्रक्रिया के लिए साक्ष्य की समय पर और वैज्ञानिक जांच में उच्च गुणवत्ता वाले, प्रशिक्षित फोरेंसिक पेशेवरों के महत्व को रेखांकित करती है।
    • नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से, जिसमें सात साल या उससे अधिक की सज़ा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच अनिवार्य है, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के कार्यभार में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। 
    • देश में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षित फोरेंसिक जनशक्ति की काफी कमी है इस योजना के द्वारा इस समस्या का भी निदान किया जाना सम्भव होगा।
    • राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के अतिरिक्त ऑफ-कैंपस और नई केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना से प्रशिक्षित फोरेंसिक जनशक्ति की कमी दूर होगी।

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