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राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2023

चर्चा में क्यों ?

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 20 अगस्त को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान किये 

राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2023

  • खान मंत्रालय ने वर्ष 2023 के लिए 12 पुरस्कारों का चयन किया है 
    • इनमें 9 व्यक्तिगत पुरस्कार और 3 टीम पुरस्कार शामिल हैं।
  • ये 12 पुरस्कार, 21 भूवैज्ञानिकों को प्रदान किए जाएंगे।
  • आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रोफेसर धीरज मोहन बनर्जी को प्रदान किया जाएगा। 
  • राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के सहायक प्रोफेसर डॉ. आशुतोष पाण्डेय को प्रदान किया जाएगा।

राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार

  • ये भूविज्ञान के क्षेत्र में सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है। 
  • इन्हें वर्ष 1966 में भारत सरकार के खान मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया था। 
  • वर्ष 2009 से पहले इन पुरस्कारों को राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार कहा जाता था। 
  • इन पुरस्कारों का उद्देश्य भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों और टीमों को सम्मानित करना है। 
  • इन क्षेत्रों में खनिज खोज और अन्वेषण, खनन प्रौद्योगिकी और खनिज लाभकारीकरण, बुनियादी/अनुप्रयुक्त भूविज्ञान शामिल हैं। 
  • भूविज्ञान के किसी भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कोई भी भारतीय नागरिक इस पुरस्कार के लिए पात्र है।
  • खान मंत्रालय हर साल तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान करता है - 
    1. आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार
    2. राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार
    3. राष्ट्रीय युवा भू-वैज्ञानिक पुरस्कार

प्रश्न  -  हाल ही में किसे राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया गया ?

(a) अशोक कुमार सिंह

(b) धीरज मोहन बनर्जी

(c) डॉ. आशुतोष पाण्डेय

(d) कमलेश सिन्हा 

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