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राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन : हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, पर्यावरणीय पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, प्रस्तुत बजट में हरित हाइड्रोजन पर विशेष ध्यान देते हुए 'राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन' प्रारंभ करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अंतर्गत हाइड्रोजन को ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करने के लिये एक रोडमैप तैयार किया जाएगा, जो हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक होगा।

हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था

  • ‘हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था’ से तात्पर्य ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये सम्भावनाओं की खोज के साथ-साथ इसको सर्वसुलभ बनाने के लिये तकनीकी विकास करना है।
  • हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था गैसोलीन (पेट्रोल) या प्राकृतिक गैस जैसे ईंधनों को हाइड्रोजन से प्रतिस्थापित करने के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है, जो ऊर्जा क्षेत्र के प्रबंधन, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है।
  • विदित है कि दिल्ली पायलट परियोजना के आधार पर हाइड्रोजन संवर्धित सी.एन.जी. (H-CNG) से बसों को संचालित करने वाला भारत का प्रथम शहर है। इस ईंधन में 18% हाइड्रोजन का मिश्रण होता हैं।
  • 1960 के दशक के उत्तरार्ध में हाइड्रोजन फ्यूल सेल ने चंद्रमा के लिये नासा के अपोलो मिशन में सहायता प्रदान की थी।
  • हाइड्रोजन ऊर्जा का एक वाहक है, न की ऊर्जा का स्रोत। अर्थात हाइड्रोजन ईंधन को प्रयोग करने से पहले फ्यूल सेल नामक उपकरण से विद्युत में बदलना आवश्यक होता है। फ्यूल सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

हाइड्रोजन की उपस्थिति और निष्कर्षण

  • हाइड्रोजन एक स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित ईंधन है। यह हल्का, भण्डारण योग्य और ऊर्जा-सघन होने के साथ-साथ प्रदूषकों या ग्रीनहाउस गैसों को प्रत्यक्ष रूप से उत्सर्जित नहीं करता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1975 के बाद से हाइड्रोजन की माँग में तीन गुना से अधिक वृद्धि हुई है।
  • हाइड्रोजन वातावरण में शुद्ध और मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। इसको प्राकृतिक गैस, बायोमास, अल्कोहल या जल जैसे अन्य यौगिकों से उत्पादित किया जाता है। हालाँकि, इनसे हाइड्रोजन प्राप्त करने के लिये ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  • अत: इसके उपयोग का जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव, इसके उत्पादन में प्रयुक्त स्रोत के कार्बन फुटप्रिंट पर निर्भर करता है। हाइड्रोजन को निम्न कार्बन आधारित बिजली के स्रोतों, जैसे- नवीकरणीय, परमाणु उर्जा या इलेक्ट्रोलाइट जल, से उत्पादित करके उत्सर्जन को और भी कम किया जा सकता है।
  • हाइड्रोजन उत्पादन की प्रमुख विधियों में प्राकृतिक गैस शोधन और इलेक्ट्रोलिसिस (किसी रासायनिक यौगिक में विद्युत-धारा प्रवाहित कर उसके रासायनिक बंधों को तोड़ने की प्रक्रिया) के साथ सौर चालित एवं अन्य जैविक क्रियाएँ शामिल हैं।

हाइड्रोजन ईंधन के प्रकार

  • हाइड्रोजन प्राप्त करने के स्रोत और प्रक्रियाओं के आधार पर इसका वर्गीकरण किया जाता है। जीवाश्म ईंधन से उत्पादित हाइड्रोजन को ‘ग्रे हाइड्रोजन’ कहा जाता है। वर्तमान में इससे अधिक मात्रा में हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
  • कार्बन कैप्चर और भंडारण या अनुक्रमण (CCS) विकल्पों के साथ जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न किये जाने वाले हाइड्रोजन को ‘ब्लू हाइड्रोजन’ कहा जाता है।
  • पूरी तरह से अक्षय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित हाइड्रोजन को ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ कहा जाता है। इस प्रक्रिया में अक्षय ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिये किया जाता है।

लाभ

  • हाइड्रोजन को जलाने या विद्युत उत्पादन के लिये वायु के साथ प्रतिक्रिया कराने की स्थिति में भी इसका एकमात्र उपोत्पाद जल (जलवाष्प) ही है। अत: यह किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं करता है।
  • हाइड्रोजन के उपयोग का सबसे संभावित क्षेत्र इलेक्ट्रिक कारों या बसों में फ्यूल सेल के साथ संयोजन है, जो हाइड्रोजन को बिजली में परिवर्तित कर देता है। आंतरिक दहन इंजन की तुलना में फ्यूल सेल कहीं अधिक कुशल और प्रभावी होते हैं।
  • हाइड्रोजन में परिवहन क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाने की क्षमता है, जहाँ हाइड्रोजन को जीवाश्म ईंधन के प्रत्यक्ष प्रतिस्थापन के रूप में देखा जा रहा है। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में परिवहन क्षेत्र की एक-तिहाई हिस्सेदारी है। वर्तमान में हाइड्रोजन का सर्वाधिक उत्पादन प्राकृतिक गैस से किया जाता है।
  • इसके अतिरिक्त हाइड्रोजन वाहनों को काफी कम समय में ही तेज़ी से रिफ्यूल (ईंधन भरना) किया जा सकता है और ये एक बार में काफी लम्बी दूरी तय कर सकते हैं।
  • ग्रिड द्वारा भण्डारित या उपयोग न की जा सकने वाली अक्षय ऊर्जा का उपयोग हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिये किया जा सकता है। उदाहरणस्वरुप जब पर्याप्त मात्रा में पवन उर्जा का उत्पादन हो रहा हो परंतु बिजली की अधिक माँग न हो। इस प्रकार यह बड़े पैमाने पर बैटरी या अन्य भंडारण प्रणालियों के लिये एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
  • हाइड्रोजन का उपयोग घरों और इमारतों में हीटिंग फ्यूल के रूप में भी किया जा सकता है, जहाँ इसका प्रयोग प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित करके या शुद्ध रूप में किया जा सकता है।
  • इस्पात और सीमेंट जैसे भारी उद्योगों को डी-कार्बोनाइज़ करने में भी हाइड्रोजन सहायक है। साथ ही इसका प्रयोग विद्युत उत्पादन, परिवहन ईंधन, रासायनिक उद्योग और निम्न कार्बन हीटिंग के लिये भी किया जाता है।
  • उच्च प्रज्ज्वलन क्षमता के कारण हाइड्रोजन का उपयोग रॉकेट ईंधन के रूप में भी किया जाता है। हाल ही में अमेरिका ने जैव ईंधन संचालित ‘स्टारडस्ट 1.0’ यान को प्रक्षेपित किया गया है।

बाधाएँ

  • हाइड्रोजन का उत्पादन और भंडारण अत्यधिक महँगा एवं कठिन है। अत्यधिक ज्वलनशील होने के कारण इसको विस्फोटक की श्रेणी में रखा जा सकता है। हालाँकि, नियंत्रित परिवेश में इसकी ज्वलनशील क्षमता का उपयोग हरित ऊर्जा के रूप में किया जा सकता है।
  • यद्यपि हाइड्रोजन स्वत: एक स्वच्छ ईंधन है परंतु इसके निष्कर्षण की प्रक्रिया ऊर्जा-गहन है। प्राकृतिक गैस से हाइड्रोजन उत्पादन की लागत कई तकनीकी और आर्थिक कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें गैस का मूल्य और पूँजीगत व्यय महत्त्वपूर्ण हैं।
  • हाल के वर्षों में हाइड्रोजन फ्यूल सेल कारों से संबंधित व्यावसायिक चिंताओं के चलते हाइड्रोजन कारों की तुलना में बैटरी आधारित इलेक्ट्रिक कारों पर अधिक ध्यान दिया गया है।

उपाय

  • हाइड्रोजन के उत्पादन में होने वाले कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम किये जाने की आवश्यकता है अत: इसे निम्न कार्बन आधारित बिजली के स्रोतों से उत्पादित किया जाना चाहिये।
  • अच्छी तकनीक के विकास में उसके अंतिम लागत, कार्बन शमन क्षमता और उपभोक्ता की ज़रूरतों को ध्यान में रखना आवश्यक है।
  • इसके अतिरिक्त हाइड्रोजन का उपयोग रासायनिक उद्योग में पहले से ही बड़े पैमाने पर किया जाता रहा है, अत: इसके उत्पादन, हैंडलिंग और वितरण से संबंधित अनुभव के उपयोग की आवश्यकता है।
  • हाइड्रोजन को एक कम लागत वाली निम्न-कार्बन ऊर्जा प्रणाली के रूप में माने जाने के कारण इसके लिये राजनीतिक व व्यावसायिक स्तर पर भी पहल की आवश्यकता है।
  • स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण और हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था के विकास के लिये इसके प्रयोग को अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ परिवहन, भवन व विद्युत उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भी अधिक-से-अधिक अपनाने की आवश्यकता है।
  • इसके उपयोग के विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करना महत्त्वपूर्ण है और इस अर्थ में 'हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था' के बजाय 'अर्थव्यवस्था में हाइड्रोजन' के बारे में गंभीरता से सोचना अधिक महत्त्वपूर्ण है।
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