(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें) |
संदर्भ
दिल्ली में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के कारण जिला पुलिस अधिकारियों को अपराध पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय आसूचना ग्रिड (National Intelligence Grid : NATGRID) का उपयोग करने का अधिकार दिया गया है।
राष्ट्रीय आसूचना ग्रिड के बारे में
- परिचय : नैटग्रिड (NATGRID) गृह मंत्रालय द्वारा संकलित एक आसूचना डाटाबेस है जिसमें 24 से अधिक सूचना डाटा समूह (Dataset) शामिल हैं।
- इस डाटाबेस में इमिग्रेशन रिकॉर्ड, बैंकिंग विवरण, यात्रा का इतिहास व फ़ोन डाटा इत्यादि के अलावा एजेंसियों को संदिग्धों की पहचान करने और उन पर निगरानी रखने में मदद के लिए आवश्यक सूचना शामिल होती है।
- यह सूचना केंद्र एवं राज्यों की 21 से अधिक एजेंसियों द्वारा एकत्रित व साझा की जाती है।
- स्थापना : वर्ष 2009 से कार्यरत
- इसे वर्ष 2008 में मुंबई में 26/11 के हमलों के बाद निर्मित किया गया था।
- कार्यालय : मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित जबकि डाटा एकत्रण कार्यालय बेंगलुरु में स्थित।
- डाटा तक पहुँच : NATGRID की सेवाएँ 11 केंद्रीय एजेंसियों और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस के लिए उपलब्ध होती हैं।
- दिल्ली पुलिस में क्राइम ब्रांच एवं स्पेशल सेल जटिल मामलों को सुलझाने के लिए NATGRID का प्रयोग करते हैं।
- हालाँकि, स्थानीय पुलिस अपने क्षेत्राधिकार के मामलों की जाँच करने के लिए CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) की मदद लेती है।
- वर्तमान में सी.सी.टी.एन.एस. देश भर के सभी पुलिस स्टेशनों को जोड़ता है।
- सभी राज्य पुलिस को सी.सी.टी.एन.एस. में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करना अनिवार्य है।
अपराध नियंत्रण में योगदान
- संवेदनशील सूचनाओं के लिए एक सुरक्षित केंद्रीकृत डाटाबेस
- विभिन्न खुफिया एवं जांच एजेंसियों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करना
- अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से त्वरित एवं गहन समस्या-समाधान
- निर्दोष व्यक्तियों को बचाकर मानवाधिकारों की सुरक्षा
- संदिग्ध व्यक्तियों, संस्थाओं एवं घटनाओं पर एक साथ ख़ुफ़िया नजर
- देश की सीमा सुरक्षा (जल, नभ, थल) के लिए आसूचना का केंद्रीकरण
प्रमुख आलोचनाएँ
- निजी एवं गोपनीय सूचनाओं के लीक होने का खतरा
- राज्य की स्थानीय पुलिस के पास उपयोग की अनुमति न होना
- डिजिटल डाटाबेस का सरकार द्वारा दुरूपयोग
- संवेदनशील डाटा पर साइबर हमलों की चुनौती
- विदेशी खुफिया एजेंसियों या दुश्मन देशों को आसूचना लीक की संभावना
आगे की राह
- भारत में बढ़ती आपराधिक एवं आतंकी घटनाओं के नियंत्रण व शमन के लिए इस प्रणाली को अधिक उन्नत बनाने की आवश्यकता है जिससे 26/11 मुंबई हमले जैसी घटना दोबारा न घटित हो।
- प्रशासन में विभिन्न एजेंसियों को आपसी तनाव एवं कलह को दूर करके देश हित में एक व्यापक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता है।
- दिल्ली के जैसे ही अन्य संवेदनशील राज्यों में भी जिला स्तर के अधिकारियों को इस प्रणाली के प्रयोग की अनुमति दी जानी चाहिए।
- डाटा गोपनीयता एवं साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए अवसंरचना तंत्र को अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता है।