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राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2

संदर्भ-

  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय के राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) पोर्टल पर शामिल होने के साथ ई-कोर्ट परियोजना का प्रमुख प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। अब सामान्य भारतीयों के लिए एनजेडीजी पोर्टल पर भारतीय न्यायपालिका के सभी तीनों स्तर उपलब्ध हैं। एनजेडीजी को भारत सरकार की इज ऑफ डूइंग बिजनेस पहल के तहत एक महत्वपूर्ण नवाचार के रूप में मान्यता प्राप्त है।

मुख्य बिंदु-

  • भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने 14 सितंबर,2023 को खुली अदालत में राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) पर सुप्रीम कोर्ट के शामिल होने की घोषणा की।
  • राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) लंबित मामलों की पहचान, प्रबंधन और समय को कम करने के लिए एक निगरानी उपकरण के रूप में काम करता है।
  •  यह मामलों के निपटान में देरी को कम करने के लिए नीतिगत निर्णय लेने के लिए समय पर इनपुट प्रदान करने में मदद करता है और लंबित मामलों को कम करने में मदद करता है ।
  • विश्व बैंक ने 2018 की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड की प्रशंसा की और कहा इससे केस मैनेजमेंट रिपोर्ट तैयार करना संभव हुआ, जिससे अनुबंधों को लागू करना आसान हो गया ।
  • भारत सरकार द्वारा घोषित ‘नेशनल डेटा शेयरिंग एंड एक्सेसिबिलिटी पॉलिसी’ (एनडीएसएपी) के अनुरूप, केंद्र और राज्य सरकार को विभागीय आईडी और एक्सेस का उपयोग करके राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) डेटा तक आसान पहुंच की अनुमति देने के लिए ‘ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ (एपीआई) प्रदान किया गया है।
  • यह संस्थागत वादियों को उनके मूल्यांकन और निगरानी उद्देश्यों के लिए एनजेडीजी डेटा तक पहुंचने की अनुमति देगा । भविष्य में गैर-संस्थागत वादियों के लिए भी इस सुविधा का विस्तार करने का प्रस्ताव है।
  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि एनजेडीजी को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा कंप्यूटर सेल, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री की इन-हाउस सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टीम के साथ एक इंटरैक्टिव इंटरफ़ेस और एनालिटिक्स डैशबोर्ड के साथ निकट समन्वय में विकसित किया गया है।

एनजेडीजी के बारे में-

  • यह पोर्टल देश के सभी जिला और तालुका न्यायालयों में लंबित और निस्तारित मामलों से संबंधित आंकड़ों का एक राष्ट्रीय संग्रहकोष है। 
  • सभी उच्च न्यायालय भी वेब सेवाओं के माध्यम से राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) में शामिल हो गए हैं, जिससे वादी जनता को आसान पहुंच की सुविधा मिलती है ।
  • अब एक क्लिक पर कोई भी व्यक्ति किसी मामले से संबंधित जानकारी हासिल कर सकता है।
  • इसके जरिये लंबित मामलों और मामलों के निपटानमामले के प्रकारभारत के सर्वोच्च न्यायालय के वर्ष-वार विवरण जैसे आंकड़े प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • मामले के समय के साथ-साथ राज्य और जिले के आधार पर ड्रिल-डाउन विश्लेषण करने की क्षमता के साथ नागरिक और आपराधिक दोनों मामलों के लिए एनजेडीजी पर केस डेटा उपलब्ध है ।
  • यह पोर्टल ‘नमनीयत खोज प्रौद्योगिकी’ (elastic search technology) की अवधारणा के आधार पर विकसित किया गया है जो कुशल वाद प्रबंधन और निगरानी द्वारा वादों के प्रभावी निस्तारण को संभव बनाता है।
  • एनजेडीजी को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा कंप्यूटर सेलरजिस्ट्री की इन-हाउस सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टीम के साथ एक इंटरैक्टिव इंटरफ़ेस और एनालिटिक्स डैशबोर्ड के साथ मिलकर विकसित किया गया है। संपूर्ण डेटाबेस को एनजेडीजी पोर्टल पर समय-समय पर अद्यतन किया जाएगा।
  • एनजेडीजी अद्वितीय है क्योंकि यह शुरू हुएलंबित और निपटाए गए मामलों के सभी प्रासंगिक डेटा को साझा करके भारतीय न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाया है।

एनजेडीजी पोर्टल के लाभ-

  1. पारदर्शिता में वृद्धि
  2. जवाबदेही और जिम्मेदारी
  3. बेहतर दक्षता
  4. समन्वय में वृद्धि
  5. सूचित निर्णय लेना (Informed Decision Making)
  6. संसाधनों और जनशक्ति की अधिकतम तैनाती
  7. डेटा का एकल स्रोत
  8. उच्च गुणवत्ता वाले शोध कार्य की अपार संभावनाएं

एनजेडीजी तक पहुँच-

  • एनजेडीजी-एससीआई पोर्टल पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट के माध्यम से टैब बटन - एनजेडीजी पर क्लिक करके पहुंचा जा सकता है।
  • एनजेडीजी-एससीआई पोर्टल के तीन मुख्य वेबपेज हैं-
    1. एक नजर में
    2. लंबित डैशबोर्ड
    3. निस्तारित डैशबोर्ड

एक नज़र वेब पेज पर निम्नलिखित जानकारियां मौजूद हैं-

  • चालू वर्ष में दीवानी और आपराधिक मामलों की लम्बित स्थिति
  • पंजीकृत और गैर-पंजीकृत मामलों के कुल लंबित मामले
  • पिछले महीने शुरू किए गए मामलों की संख्या
  • पिछले महीने निपटाए गए मामलों की संख्या
  • मौजूदा वर्ष में शुरु किए गए मामलों की संख्या
  • चालू वर्ष में निपटान 
  • कोरम के अनुसार लंबित मामले - 3 न्यायाधीश5 न्यायाधीश7 न्यायाधीश9 न्यायाधीश

जैसा कि चार्ट में देखा जा सकता हैवर्ष 2023 के लिए पंजीकृत मामलों और गैर-पंजीकृत मामलों की कुल लंबित संख्या क्रमशः 64,854 और 15,490 है। पिछले महीने  शुरू किए गए और निपटाए गए मामले क्रमशः 5,412 और 5,033 थे।

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  • पोर्टल पर एकत्रित और अपलोड किए गए आंकड़ों तक निम्न तरीकों से पहुंचा और विश्लेषण किया जा सकता है : –
    1. श्रेणीवार
    2. वर्ष वार
    3. राज्य वार
    4. पूरे संस्थान के मामलों का महीनावार निस्तारण
    5. मुकदमेबाजी के मूल/अपीलीय/निष्पादन चरणों के आधार पर
    6. विलम्ब के कारण

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसे भारत सरकार की इज ऑफ डूइंग बिजनेस पहल के तहत एक महत्वपूर्ण नवाचार के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  2. यह लंबित मामलों की पहचान, प्रबंधन और समय को कम करने के लिए एक निगरानी उपकरण के रूप में काम करता है।
  3. इसके तहत एक क्लिक पर कोई भी व्यक्ति किसी मामले से संबंधित जानकारी हासिल कर सकता है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीनों
  4. कोई नहीं

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड न्यायालयों की जवाबदेही और जिम्मेदारी में वृद्धि करेगा। विवेचना करें।

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