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राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन

चर्चा में क्यों ?

  • पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय द्वारा वर्ष 2003 में राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन की शुरुआत की गई थी।
  • इसका मुख्य उद्देश्य भारत की पांडुलिपि विरासत का दस्तावेजीकरण, संरक्षण, डिजिटलीकरण और ऑनलाइन प्रसार करना है। 
  • इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, मिशन ने पूरे भारत में 100 से अधिक पांडुलिपि संसाधन केन्‍द्र और पांडुलिपि संरक्षण केन्‍द्र स्थापित किए हैं।
  • इसने पांडुलिपि संरक्षण केन्‍द्रों और पांडुलिपि संसाधन केन्‍द्रों के नेटवर्क के माध्यम से भारत की समृद्ध पांडुलिपि विरासत को संरक्षित, दस्तावेजित और प्रसारित किया है।
  • राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन द्वारा किये गए कार्य -
    • देश भर में लगभग 5.2 मिलियन पांडुलिपियों का दस्तावेजीकरण किया है।
    • 90 मिलियन पांडुलिपियों को संरक्षित किया है।
    • 3.5 लाख पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया है 
    • 100 से अधिक संरक्षण कार्यशालाएं आयोजित की हैं।
    • अपने वेब पोर्टल पर लगभग एक लाख चालीस हजार पांडुलिपियाँ अपलोड की हैं
    • 100 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं।

प्रश्न - राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन की शुरुआत कब की गई थी ?

(a) वर्ष 2000

(b) वर्ष 2001

(c) वर्ष 2002

(d) वर्ष 2003

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