राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 8 अनुसूचित औषधियों (Scheduled Drugs) के अधिकतम मूल्य में संशोधन किया है।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के बारे में
- क्या है : भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन व पेट्रोरसायन विभाग के अधीन विशेषज्ञों का एक स्वतंत्र निकाय
- स्थापना : 29 अगस्त, 1997 को रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग (जुलाई 2008 से औषधि विभाग) के एक संलग्न कार्यालय के रूप में
- उद्देश्य : औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 1995 के तहत नियंत्रित थोक दवाओं की कीमतों को तय एवं संशोधित करना तथा देश में दवाओं की कीमतों व उपलब्धता को लागू करना
NPPA को सौंपे गए कार्य
- औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (DPCO), 1995/2013 के प्रावधानों को प्रदत्त शक्तियों के अनुसार क्रियान्वित और लागू करना।
- औषधियों के मूल्य निर्धारण के संबंध में प्रासंगिक अध्ययन करना
- दवाओं की उपलब्धता की निगरानी करना और यदि कोई कमी हो तो उसकी पहचान करना तथा उपचारात्मक कदम उठाना
- थोक औषधियों एवं फॉर्मूलेशन के लिए उत्पादन, निर्यात व आयात, व्यक्तिगत कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी, कंपनियों की लाभप्रदता आदि पर डाटा एकत्र करना/रखरखाव करना
- प्राधिकरण के निर्णयों से उत्पन्न सभी कानूनी मामलों से निपटना
- औषधि नीति में परिवर्तन व संशोधन पर केंद्र सरकार को सलाह देना
- औषधि मूल्य निर्धारण से संबंधित संसदीय मामलों में केंद्र सरकार को सहायता प्रदान करना
हालिया संशोधन निर्णय के बारे में
- NPPA ने 8 दवाओं के 11 निर्धारित फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमतों में उनके वर्तमान अधिकतम मूल्य की तुलना में 50% की वृद्धि को मंजूरी दी है।
- इनमें से अधिकांश दवाएं कम लागत वाली हैं और पहले चरण के उपचार के रूप में उपयोग की जाती हैं।
- इन दवाओं का प्रयोग अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, टीबी, मानसिक स्वास्थ्य विकारों आदि के उपचार के लिए किया जाता है।
कीमत वृद्धि के प्रमुख कारण
- NPPA को विनिर्माताओं से कीमतों में बढ़ोतरी के लिए आवेदन प्राप्त हो रहे थे, जिनमें विभिन्न कारणों, जैसे- दवा घटकों की लागत में वृद्धि, उत्पादन लागत में वृद्धि, विनिमय दर में परिवर्तन आदि के परिणामस्वरूप दवाओं का सतत उत्पादन एवं विपणन अव्यवहार्य हो गया है।
- कंपनियों ने कुछ दवाओं के अव्यवहार्य होने के कारण उनका उत्पादन बंद करने के लिए भी आवेदन किया है। इसीलिए दवाओं के मूल्य में वृद्धि आवश्यक दवाओं की किफायती कीमतों पर उपलब्धता एवं बाजार में वहनीय पहुँच सुनिश्चित करने के लिए की गई है।