मुख्य बिंदु
- हाल ही में, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये राष्ट्रीय पोर्टल' लॉन्च किया।
- यह पोर्टल देश में कहीं से भी किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के लिये डिजिटली आवेदन करने में मदद करेगा।
- इसका सबसे महत्त्वपूर्ण लाभ है कि यह ट्रांसजेंडर व्यक्ति को किसी भी भौतिक इंटरफेस के बिना और किसी भी कार्यालय में जाए बिना आई-कार्ड प्राप्त करने में मदद करेगा।
- यह पोर्टल इस समुदाय के बहुत से लोगों को आगे लाने और उनकी स्वयं की पहचान के अनुसार ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र व पहचान पत्र प्राप्त करने में मदद करेगा, जो कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 का एक महत्त्वपूर्ण प्रावधान है।
गरिमा गृह
- गुजरात के वडोदरा में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये एक आश्रय गृह 'गरिमा गृह' का उद्घाटन किया गया है, जो अन्य सुविधाओं के अलावा इस समुदाय के कौशल विकास और क्षमता-निर्माण में सहायता प्रदान करेगा।
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की स्थिति में सुधार के लिये प्रायोगिक आधार पर देश में 13 आश्रय स्थल स्थापित करने और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये सुविधाओं का विस्तार करने के लिये 10 शहरों की पहचान की गई है।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019
- ध्यातव्य है कि 10 जनवरी, 2020 को ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 प्रभावी हुआ। इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 जारी किया।