दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) से 10,000 करोड़ रुपए उधार लेने की मांग की है।
राष्ट्रीय लघु बचत कोष
- भारत के सार्वजनिक खाते में एक ‘राष्ट्रीय लघु बचत निधि’ (NSSF) की स्थापना वर्ष 1999 से की गई है।
- राष्ट्रीय लघु बचत निधि भारत में सरकारी खातों के बड़े एवं छोटे शीर्षों की सूची में एक नया उपक्षेत्र है।
- सभी लघु बचत संग्रह इस निधि में जमा किए जाते हैं।
- जमाकर्ताओं द्वारा लघु बचत योजनाओं के तहत सभी निकासी इस निधि में जमा राशि से की जाती है। इस निधि में शेष राशि को केंद्र एवं राज्य सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है।
- निवेश पैटर्न भारत सरकार द्वारा समय-समय पर तय किए गए मानदंडों के अनुसार है।
- इस कोष का प्रशासन भारत सरकार, वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामलों का विभाग) द्वारा संविधान के अनुच्छेद 283(1) के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय लघु बचत कोष (संरक्षण एवं निवेश) नियम, 2001 के अंतर्गत किया जाता है।
- एन.एस.एस.एफ. (NSSF) का उद्देश्य भारत की संचित निधि से लघु बचत लेनदेन को अलग करना और पारदर्शी तथा आत्मनिर्भर तरीके से उनका संचालन सुनिश्चित करना है।
- चूंकि एन.एस.एस.एफ. सार्वजनिक खाते में संचालित होता है, इसलिए इसके लेनदेन केंद्र के राजकोषीय घाटे को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं करते हैं।
- सार्वजनिक खाते में एक साधन के रूप में एन.एस.एस.एफ. के तहत शेष राशि प्रत्यक्ष देयताएँ हैं और केंद्र की बकाया देयताओं का एक हिस्सा हैं।
- एन.एस.एस.एफ. (NSSF) प्रवाह केंद्र सरकार की नकदी स्थिति को प्रभावित करता है।
राष्ट्रीय लघु बचत कोष में तीन श्रेणियां
- बचत साधन : डाक जमा, जैसे बचत खाते, आवर्ती जमा एवं सावधि जमा
- मासिक आय योजनाएँ : राष्ट्रीय लघु बचत प्रमाणपत्र (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP) जैसे बचत प्रमाणपत्र
- सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ : इसमें सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) आदि शामिल हैं।
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