हाल ही में पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया गया
राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0
भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1 से 30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा
जिसमें केंद्र/राज्य सरकारों/ईपीएफओ/स्वायत्त निकायों के सभी पेंशनभोगी पेंशन वितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
सुपर सीनियर पेंशनभोगी इसे अपने घर से कर सकते हैं और उन्हें सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी प्रदान की जाती है।
भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई सहित सभी पेंशन वितरण बैंक देशव्यापी आधार पर इस अभियान को लागू करने के लिए एक साथ आएंगे।
जो लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में असमर्थ हैं, उनके लिए वैकल्पिक गैर-डिजिटल तरीके उपलब्ध रहेंगे।
पेंशनभोगी अभी भी पारंपरिक तरीकों जैसे पेंशन कार्यालयों में जाकर या डाकघरों का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
क्या है जीवन प्रमाणपत्र ?
जीवन प्रमाण पेंशनभोगियों के लिए बायोमेट्रिक-सक्षम डिजिटल सेवा है
केन्द्र सरकार, राज्य सरकार या किसी अन्य सरकारी संगठन के पेंशनभोगी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
जीवन प्रमाण इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभाग, भारत सरकार द्वारा बनाया गया था ।
वर्ष 2014 में जीवन प्रमाण की शुरुआत की गई और वर्ष 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन की शुरुआत की गई