(प्रारंभिक परीक्षा प्रश्नपत्र-1 : अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, नाटो के सदस्य देश पोलैंड ने दावा किया कि एक रूसी मिसाइल के हमले में उसके दो नागरिकों की मृत्यु हो गई है जिसके पश्चात् नाटो का अनुच्छेद 4 चर्चा का विषय बना हुआ है। विदित है कि पोलैंड पर रूस का कोई भी हमला 30 देशों के इस मज़बूत गठबंधन को रूस-यूक्रेन संघर्ष में खींच सकता है और एक पूर्ण परमाणु युद्ध का जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
प्रमुख बिंदु
- नाटो संधि के अनुच्छेद 4 के अनुसार क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या अन्य किसी प्रकार की सुरक्षा को खतरा होने की स्थिति में सदस्य राष्ट्र एक-दूसरे से परामर्श कर सकते हैं।
- अनुच्छेद 5 के अनुसार संधि के सदस्य देशों में से किसी एक या एक से अधिक के खिलाफ सशस्त्र हमले को समस्त नाटो सदस्यों के खिलाफ हमला माना जाएगा। इस प्रकार, यह अनुच्छेद सामूहिक सुरक्षा सिद्धांत (Collective Defense Principle) अर्थात् वन-फॉर-ऑल, ऑल-फॉर-वन’ को बताता है।
नाटो के बारे में
- उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाला एक 30 सदस्यीय पश्चिमी रक्षात्मक सैन्य गठबंधन (Western Defensive Military Alliance) है जिसका मुख्यालय ब्रुसेल्स में है।
- शीत युद्ध के प्रारंभ के साथ एक सैन्य व राजनीतिक संगठन के रूप में नाटो का गठन 4 अप्रैल, 1949 को 12 सदस्यों के साथ हुआ था।
- वर्तमान में इस संगठन में दो उत्तरी अमेरिकी देशों के अतिरिक्त 28 यूरोपीय देश शामिल हैं। वर्ष 2020 में उत्तरी मेसीडोनिया इस संगठन में 30वें सदस्य के रूप में शामिल हुआ था।
- यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद, फिनलैंड और स्वीडन ने भी नाटो की सदस्यता के लिये आवेदन किया है।
रूस और पश्चिम के मध्य तनाव
- नाटो के सदस्य देशों का विस्तार वर्तमान में 12 से बढ़कर 30 देशों तक हो गया है, जो रूस और पश्चिम के मध्य तनाव का प्रमुख स्रोत रहा है।
- रूस यूरोप में स्वीडन, फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, बेलारूस, यूक्रेन और जॉर्जिया देशों के साथ सीमा साझा करता है। इसमें से बेलारूस और यूक्रेन के अलावा, अन्य या तो नाटो में शामिल हो चुके हैं या सदस्यता के लिये कतार में हैं।
- विदित है कि रूस अपने पड़ोस में पश्चिमी सैन्य और परमाणु ठिकानों की उपस्थिति को खतरे के रूप में देखता है।
- यूक्रेन रूस की आर्थिक योजनाओं में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेवस्तोपोल और नोवोरोस्सिएस्क जैसे रूस के गर्म पानी के बंदरगाह, जो वर्ष भर नौगम्य रहते हैं, रूसी व्यापार-वाणिज्य के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- ये बंदरगाह काला सागर के तट पर अवस्थित है। यदि यूक्रेन नाटो में शामिल होता है, तो इससे काला सागर तक रूस की पहुँच और इसके द्वारा प्रदान किये जाने वाले व्यापारिक अवसरों में कटौती हो सकती है।
नाटो के विकास से संबंधित मुख्य घटनाएँ
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1949
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वाशिंगटन संधि पर हस्ताक्षर और नाटो का उदय
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1989
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बर्लिन की दीवार का गिरना
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1991
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सोवियत संघ का विघटन
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1995
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बोस्निया और हर्जेगोविना में नाटो अपने पहले बड़े संकट-प्रबंधन अभियान में शामिल हुआ
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2001
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न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डी.सी. में आतंकवादी हमले व सुरक्षा के लिये व्यापक दृष्टिकोण अपनाने हेतु नाटो ने पहली बार अनुच्छेद 5 को लागू किया
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2003
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नाटो ने अफगानिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल आई.एस.ए.एफ. की कमान संभाली
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2010
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सक्रिय वचनबद्धता, आधुनिक रक्षा नामक सामरिक अवधारणा को अपनाना।
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