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नाटो शिखर सम्मेलन 

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : भारत एवं इसके पड़ोसी-संबंध, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह)

वर्तमान परिदृश्य 

वर्ष 2021 के नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) शिखर सम्मेलन का आयोजन 14 जून को बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में किया गया। यह नाटो का 31वाँ औपचारिक शिखर सम्मेलन है। 

शिखर सम्मेलन के प्रमुख बिंदु 

  • नाटो के सदस्यों ने रूस द्वारा प्रस्तुतखतरेऔर चीन द्वारा प्रस्तुतचुनौतियोंपर एक विज्ञप्ति जारी की।
  • नाटो ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों कि वापसी की घोषणा की है।
  • यूरो-अटलांटिक क्षेत्र की सामूहिक सुरक्षा के लिये संगठनात्मक ढाँचे के रूप में नाटो को मज़बूत बनाने पर जोर दिया गया।
  • नाटो सेनाओं द्वारा शांति, संकट और संघर्ष में प्रभावी ढंग से काम करने के लिये उत्तरी अटलांटिक संधि के अनुच्छेद 3 के तहत सामूहिक प्रतिबद्धता के अनुरूप अधिक एकीकृत और बेहतर समन्वित दृष्टिकोण अपनाना।
  • नाटो सहयोगियों के बीच तकनीकी सहयोग अंतःक्रियाशीलता को बढ़ावा देना तथा सैन्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिये तकनीकी समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करना।
    • इसके लियेउत्तरी अटलांटिक हेतु एक नागरिक-सैन्य रक्षा नवाचार वृद्धि तंत्रलॉन्च किया जाएगा।
    • साथ ही, एकनाटो इनोवेशन फंडभी स्थापित करने पर सहमति बनी है। यहाँ सहयोगी देश सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे स्टार्ट-अप्स का समर्थन कर सकते हैं।
  • इस सम्मेलन के दौरान कुछ विशेष परिस्थितियों में प्रमुख क्षतिकारक साइबर गतिविधियों को एक सशस्त्र हमला माने जा सकने पर सहमति बनी।
    • इसके लिये नुकसानदायक साइबर गतिविधियों को  अनुच्छेद 5 केसामूहिक आत्मरक्षा से संबंधित धारामें शामिल करने की आवश्यकता होगी।
    • अनुच्छेद 5 के अनुसार, नाटो के किसी एक सदस्य पर हमले को सभी सदस्यों पर हमला माना जाता है।
  • साथ ही, इस सम्मलेन के दौरान पिछले वर्ष प्रारंभ किये गएनाटो 2030’ एजेंडे पर भी चर्चा हुई।
    • यह एजेंडा वर्तमान, नए और भविष्य के खतरों चुनौतियों का समाधान करने के लिये स्पष्ट दिशानिर्देश प्रदान करता है।
    • विदित है कि नाटो 2030 एजेंडे में रूस तथा चीन से होने वाले संभावित ख़तरों और उनसे निपटने की रणनीतियों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, साइबर हमलों नई तकनीकी चुनौतियों जैसे विषयों को शामिल किया गया है।
    • इसका लक्ष्य इस गठबंधन को और मज़बूत बनाना है तथा भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिये संगठन को तैयार करना है।
  • वर्ष 2050 तक निवल शून्य-उत्सर्जन तक पहुँचने की व्यवहार्यता का आकलन करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लिये लक्ष्य निर्धारित करना।
    • इसके लिये नियमित रूप से उच्च स्तरीय जलवायु और सुरक्षा वार्ता भी प्रारंभ की जाएगी।
  • यूक्रेन, जॉर्जिया और माल्डोवा गणराज्य की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर क्षेत्रीय अखंडता संप्रभुता के लिये समर्थन और रूस द्वारा इन देशों से सेना हटाने की माँग करना।

                  नाटो 

                  • नाटो 30 राष्ट्रों वाला एक गठबंधन है, जिसका मुख्यालय ब्रुसेल्स में है। इस संगठन में दो उत्तरी अमेरिकी देशों के अतिरिक्त 28 यूरोपीय देश शामिल हैं। वर्ष 2020 में उत्तरी मेसीडोनिया इस संगठन में 30वें सदस्य के रूप में शामिल हुआ। 
                  • शीत युद्ध के प्रारंभ के साथ एक सैन्य राजनैतिक संगठन के रूप में नाटो का गठन अमेरिका के नेतृत्व में 52 वर्ष पूर्व 4 अप्रैल, 1949 को हुआ था। इसे सोवियत संघ के प्रतिकार के रूप में स्थापित किया गया था।
                  • नॉर्वे के प्रधानमंत्री रह चुके येन्स स्टोल्टनबेर्ग वर्तमान में नाटो के महासचिव हैं। नाटो द्वारा संकट-प्रबंधन का संचालन वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 के तहत या संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत किया जाता है।

                  नाटो के आधारभूत बिंदु

                  nato

                  नाटो के विकास से संबंधित मुख्य घटनाएँ

                  1. वर्ष 1949 में वाशिंगटन संधि पर हस्ताक्षर और नाटो का उदय  
                  2. वर्ष 1989 में बर्लिन की दीवार का गिरना  
                  3. वर्ष 1991 में सोवियत संघ का विघटन  
                  4. वर्ष 1995 में बोस्निया और हर्जेगोविना में नाटो अपने पहले बड़े संकट-प्रबंधन अभियान में शामिल
                  5. वर्ष 2001 में न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डी.सी. में आतंकवादी हमले सुरक्षा के लिये व्यापक दृष्टिकोण अपनाने के लिये नाटो ने पहली बार अनुच्छेद 5 को लागू किया
                  6. वर्ष 2003 में नाटो ने अफगानिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल आई.एस..एफ. की कमान संभाली
                  7. नाटो ने वर्ष 2010 मेंसक्रिय वचनबद्धता, आधुनिक रक्षानामक सामरिक अवधारणा को अपनाना।
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