प्रारंभिक परीक्षा – रेल विकास निगम लिमिटेड, नवरत्न मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
सन्दर्भ
- हाल ही में, रेल विकास निगम लिमिटेड(RVNL) को नवरत्न का केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) का दर्जा प्रदान किया गया।
- नवरत्न का दर्जा प्राप्त होने के बाद RVNL के अधिकार, परिचालन स्वतंत्रता और वित्तीय स्वायत्तता में वृद्धि होगी।
रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL)
- RVNL की स्थापना 24 जनवरी, 2003 को की गयी थी।
- इसका उद्देश्य फास्ट ट्रैक आधार पर रेलवे के बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं का कार्यान्वयन और विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को जुटाना है।
- इसे सितंबर, 2013 में मिनी रत्न का दर्जा प्रदान किया गया था।
RVNL के कार्य
- पूर्ण परियोजना जीवन चक्र को कवर करने वाली परियोजना के विकास और कार्यों का निष्पादन करना।
- यदि आवश्यक हो, तो व्यक्तिगत कार्यों के लिए परियोजना केंद्रित SPV बनाना।
- RVNL द्वारा रेलवे परियोजना पूरी किए जाने पर, संबंधित क्षेत्रीय रेलवे द्वारा इसका संचालन और रखरखाव किया जाता है।
महारत्न, नवरत्न तथा मिनीरत्न
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) को उन्हें होने वाले लाभ और नेट वर्थ के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है –
- महारत्न
- नवरत्न
- मिनीरत्न
- मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I तथा मिनीरत्न श्रेणी-II में वर्गीकृत किया गया है।
महारत्न दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
- पहले से नवरत्न का दर्जा प्राप्त का प्राप्त हो।
- विगत तीन वर्ष का औसत वार्षिक लाभ 5,000 करोड से अधिक हो।
- विगत तीन वर्ष की औसत वार्षिक नेट वर्थ 15,000 करोड से अधिक हो।
- विगत तीन वर्ष का औसत वार्षिक टर्न ओवर 25,000 करोड से अधिक हो।
- महत्वपूर्ण वैश्विक उपस्थिति/अंतर्राष्ट्रीय संचालन होना चाहिए।
- SEBI के नियमों के तहत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक शेयरधारिता के साथ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो।
नवरत्न दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
- पहले से मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा प्राप्त हो।
- विगत पाँच वर्षों में से तीन में समझौता ज्ञापन प्रणाली के तहत बहुत अच्छी या उत्कृष्ट रेटिंग प्राप्त की हो।
- निम्नलिखित छह प्रदर्शन मापदंडों में 60 अंक या उससे अधिक का स्कोर प्राप्त किया हो –
- प्रति शेयर कमाई-10 अंक
- शुद्ध पूंजी और शुद्ध लाभ- 25 अंक
- उत्पादन की कुल लागत के सापेक्ष जनशक्ति(Manpower) पर आने वाली लागत-15 अंक
- कारोबार पर ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
- नियोजित पूंजी के लिए मूल्यह्रास, ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
- अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन- 20 अंक
मिनीरत्न श्रेणी-I दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
- विगत तीन वर्षों में निरंतर लाभ अर्जित किया हो।
- विगत तीन वर्षों में कम-से-कम एक वर्ष में कर पूर्व 30 करोड़ रूपए या अधिक का लाभ अर्जित किया हो।
- सकारात्मक निवल मूल्य हो।
मिनीरत्न श्रेणी-II दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
- विगत तीन वर्षो में निरंतर लाभ अर्जित किया हो।
- सकारात्मक निवल मूल्य हो।