NDTL को वाडा द्वारा एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट का प्रबंधन करने की मंजूरी
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला(NDTL) को वाडा द्वारा एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट का प्रबंधन करने की मंजूरी दी
एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट
एक उन्नत एंटी-डोपिंग उपकरण है, जो समय के साथ एथलीट के जैविक मार्करों की निगरानी करता है।
यह रक्त और स्टेरॉयड प्रोफाइल जैसे मापदंडों में भिन्नता का विश्लेषण करता है
यह खेलों में निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने में मदद करता है।
राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला(NDTL)
स्थापना – वर्ष 1990
इसे भारतीय खेल प्राधिकरण के तहत डोप नियंत्रण केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था
इसकी स्थापना मानव खेलों में प्रतिबंधित दवाओं के परीक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति और विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) से स्थायी मान्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से की गई थी।
इस प्रयोगशाला को वर्ष 2003 में ISO/IEC 17025 प्रमाणन प्राप्त हुआ, जो वाडा प्रमाणन के लिए आवेदन हेतु पात्रता मानदंड था।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी(NADA)
स्थापना - 24 नवंबर, 2005 (सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत)
मुख्यालय :- नई दिल्ली
इसे भारत में डोप मुक्त खेलों के लिये स्थापित किया गया है
इसका प्राथमिक उद्देश्य विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) के अनुसार
डोपिंग रोधी नियमों को लागू करना
शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना
डोप नियंत्रण कार्यक्रम को विनियमित करना
डोपिंग एवं इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, एजेंसियों और अन्य डोपिंग रोधी संगठनों आदि के साथ सहयोग करना।
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा)
वाडा एक स्वतंत्र डोपिंग रोधी वैश्विक एजेंसी है।
स्थापना - वर्ष 1999
उद्देश्य - शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान, डोपिंग रोधी क्षमताओं के विकास को सुनिश्चित करना
इसका 50 प्रतिशत वित्त पोषण अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के विभिन्न आयोजनों द्वारा जबकि, शेष 50 प्रतिशत का वित्त पोषण विश्व भर की सरकारों द्वारा किया जाता है।
यह खेल में डोपिंग रोधी गतिविधियों से संबंधित सभी मामलों के लिये वैश्विक और सर्वोच्च प्राधिकरण है।
इस संदर्भ में भारत में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (National Anti-Doping Agency) है, जो वाडा के लिये सहायक के रूप में कार्यरत है।
डोपिंग क्या है ?
डोपिंगकिसी खिलाड़ी द्वारा ऐसी दवायें लेना जो खेल क्षमता को बढ़ातीं हैं तथा जो प्रतिबन्धित हैं।
इसमें कैनबिनोइड्स, नशीले पदार्थ, उत्तेजक हार्मोन और मेटाबॉलिक मॉड्यूलेटर व अन्य पदार्थों को शामिल किया जाता है।
प्रश्न - राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी(NADA) की स्थापना कब हुई थी ?