प्रारम्भिक परीक्षा – महाराष्ट्र में लगभग 10,000 साल पुरानी जियोग्लिफ़ (Geoglyphs) की खोज मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-1 (भारतीय विरासत और संस्कृति) |
संदर्भ
महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में लगभग 10,000 साल पुरानी जियोग्लिफ़ (Geoglyphs) या रॉक कला नक्काशी पायी गई है।
प्रमुख बिंदु :-
- एक मानवविज्ञानी ने रत्नागिरी जिले में लगभग 10,000 साल पुराने 8 जियोग्लिफ़ (Geoglyphs) का पता लगाया है।
- इनमें से 7 दापोली तालुका के उम्बर्ले गांव में पाए गए हैं, जिनमें से एक की लंबाई लगभग 17 फीट है।
- 8वां जियोग्लिफ़ मंडनगढ़ तालुका में स्थित बोरखट गांव में पाया गया है।
- दापोली साइट पर लगभग 17 फीट लंबे हेडगियर पहने एक आदमी का मानव रूप मिला।
- जानवरों का एक समूह आदमी के दाहिनी ओर एक ही दिशा में चल रहा है।
- शीर्ष पर एक बैल है और बीच में एक बछड़े के साथ एक हिरण है और सबसे नीचे फिर से एक बैल है।
- आदमी के बाईं ओर एक बछड़े के साथ हिरण का एक जोड़ा है।
- हिरण लगभग 5 फीट लंबे हैं।
- मंडनगढ़ की नक्काशी में एक अज्ञात जानवर का चित्र उत्कीर्ण किया गया है, जो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है।
- इससे पहले रॉक कला नक्काशी के कई उदहारण महाराष्ट्र और गोवा में कोंकण तट पर 900 किलोमीटर तक पाए गए हैं।
- महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में 70 स्थानों पर फैली हुई ऐसी प्राचीन कला के 1,500 से अधिक उदाहरण हैं।
- इनमें से 7 स्थल यूनेस्को की अस्थायी विश्व विरासत सूची में भी सूचीबद्ध हैं।
जियोग्लिफ़ (Geoglyphs):-
- यह एक प्रकार की प्रागैतिहासिक भूमि पर या रॉक पर निर्मित कला है।
- यह 4 मीटर (13 फीट) से अधिक लंबा होता है।
- इसे पत्थर के टुकड़े, बजरी या पृथ्वी जैसे परिदृश्य के टिकाऊ तत्वों द्वारा जमीन पर निर्मित होता है।
यह दो प्रकार का होता है:-
- सकारात्मक जियोग्लिफ
- नकारात्मक जियोग्लिफ
1.सकारात्मक जियोग्लिफ :-
- इसका निर्माण पेट्रोफॉर्म के समान जमीन पर सामग्रियों की व्यवस्था और संरेखण के लिए होता है
- उदहारण: अमेज़ॅन वर्षावन में वनों की कटाई वाली भूमि पर जियोग्लिफ़ बनाया गया है।
2.नकारात्मक जियोग्लिफ :-
- इसका निर्माण प्राकृतिक जमीन की सतह के हिस्से को हटाकर पेट्रोग्लिफ के समान अलग-अलग रंग या बनावट वाली जमीन बनाने के लिए होता है।
- इसमें पहाड़ी ढलान पर आकृति बनाई जाती है, ताकि इसे दूर से देखा जा सके; जैसे- महाराष्ट्र एवं गोवा के पहाड़ी पर बनाया गया है।
जियोग्लिफ़ का महत्व:-
- यूनेस्को के अनुसार, जियोग्लिफ़ न केवल प्रारंभिक मानव बस्तियों का प्रमाण प्रदान करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कैसे प्राचीन समुदाय शुष्क क्षेत्रों , पठारों और आर्द्रभूमियों में रहते थे।
- इसके अतिरिक्त, ये विलुप्त हो चुके जीवों पर भी प्रकाश डालते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- हाल ही में भारत के किस राज्य में लगभग 10,000 साल पुरानी जियोग्लिफ़ (Geoglyphs) या रॉक कला नक्काशी की खोज की गई है?
(a) मध्य प्रदेश
(b) महारष्ट्र
(c) मेघालय
(d) कर्नाटक
उत्तर (b)
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स्रोत : WION