New
IAS Foundation Course (Pre. + Mains) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM | Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM | Call: 9555124124

तेलंगान के नये पुरातात्विक स्थल

संदर्भ

तेलंगाना के मुलुगु जिले के ऊरागुट्टा में एक अद्वितीय लौह युगीन महापाषाण स्थल और भद्राद्री कोठागुडेम जिले के दमारातुगो में महापाषाण काल के दो नए प्रस्तर चित्र खोजे गए हैं।

नवीन पुरातात्विक स्थलों के बारे में  

  • पुरातत्वविदों के अनुसार, इस महापाषाण स्थल पर नए प्रकार के स्मारक हैं, जो भारत के अन्य क्षेत्रों में अब तक कहीं भी प्रकाश में नहीं आए हैं। अधिकांश महापाषाण स्मारक चौकोर या आयताकार आकार के हैं।
  • आमतौर पर ऊरागुट्टा क्षेत्र में जो महापाषाण स्मारक मिलते हैं उन्हें 'डोलमेनोइड सिस्ट' के नाम से  जाना जाता है। यूरोप में, ऐसे स्मारकों को पैसेज चैंबर्स के नाम से जाना जाता है।
    • यहाँ खोजे गए स्मारक में पाषाणों को इसप्रकार व्यवस्थित किया गया है कि सबसे उपरी पाषण एक ढक्कन (cap-stone) के समान प्रतीत होता है। 
    • प्रत्येक 'डोलमेनॉइड सिस्ट' का एक अनूठा आकार है जो उसके कैप-स्टोन द्वारा निर्धारित होता है। इन स्मारकों की तिथि लगभग 1,000 ईसा पूर्व होने की सम्भावना है।
  • घने जंगल और पहाड़ी की ढलानों में स्मारकों की सही संख्या की गणना नहीं की जा सकी है, यहाँ  200 से अधिक महापाषाण स्मारक मिलने की संभावना है। 

JUNGLE

महापाषाणिक प्रस्तर चित्र

  • पुरातत्वविदों ने भद्राद्री कोठागुडेम जिले के गुंडाला मंडल के दमारातोगु में दो नए रॉक आर्ट स्थलों की भी खोज की।
  • 'देवरलाबंदा मूला' में एक चट्टान पर कुछ जानवरों के चित्र मिले हैं, इसमें मनुष्यों का कोई भी चित्रण नहीं किया गया है। 
  • इस चित्र में कोई भी हथियार या पालतू जानवर चित्रित नहीं हैं, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि ये चित्र 8000 - 3000 ईसा पूर्व मध्यपाषाण युग के हो सकते हैं।

ARCHAELOGY

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR