(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।) |
हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (National Institute of Nutrition : NIN) ने गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों सहित कमजोर समूहों के आहार पर व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
नवीनतम दिशा निर्देश
स्वस्थ आहार का महत्त्व
- एन.आई.एन.द्वारा जारी दिशा निर्देश में नमक एवं अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (जैसे- पैकेज्ड चिप्स, कुकीज़) की खपत को कम करने पर बल दिया गया है।
- दिशा निर्देश केअनुसार भारत के कुल रोग भार का अनुमानित 56.4% अस्वास्थ्यकर आहार के कारण हो सकता है।
- स्वस्थ आहार एवं शारीरिक गतिविधि टाइप 2 मधुमेह के 80% मामलों को रोकने के साथ ही हृदय रोग व उच्च रक्तचाप के बोझ को काफी कम कर सकती है।
राष्ट्रीय पोषण संस्थान
- राष्ट्रीय पोषण संस्थान की स्थापना सर रॉबर्ट मैककैरिसन ने वर्ष1918 में पाश्चर इंस्टीट्यूट, कुन्नूर, तमिलनाडु में 'बेरी-बेरी' जाँच इकाई के रूप में की थी।
- वर्ष 1928 में पूर्ण ‘पोषण अनुसंधान प्रयोगशाला’ के रूप में इसका विकास हुआ तथा डॉ. मैककैरिसन इसके पहले निदेशक नियुक्त किए गए।
- वर्ष 1958 में इसे हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया गया।
- वर्ष 1969 में इसकी स्वर्ण जयंती के अवसर पर इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय पोषण संस्थान कर दिया गया।
- इसका विजन स्वस्थ, टिकाऊ एवं पर्यावरण अनुकूल आहार व जीवन शैली के माध्यम से भारत में सभी प्रकार के कुपोषण को समाप्त करना है।
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महिलाओं एवं बच्चों पर विशेष बल
- गर्भधारण से लेकर 2 वर्ष की आयु तक माँ व शिशु दोनों के लिए इष्टतम पोषण उचित वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक है।
- यह सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और मोटापे सहित सभी प्रकार के अल्पपोषण को रोक सकता है।
सामान्य आहार सिद्धांत
नवीनतम दिशा निर्देश विशेष रूप से निम्नलिखित खाद्य समूहों से आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करने की सलाह देते हैं :
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- हरी एवं पत्तेदार सब्जियाँ
- जड़ एवं कंद
- डेयरी उत्पाद
- नट एवं तेल
- शरीर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का 45% ही अनाज के उपभोग से प्राप्त किया जाना चाहिए।
- अनाज केस्थान पर अधिक प्रोटीन (दालें, मांस, पोल्ट्री, मछली) का सेवन किया जाना चाहिए।
शाकाहारियों के लिए स्वस्थ आहार
- शाकाहारियों के लिए आवश्यक पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) एवं बी-12 का पर्याप्त स्तर हासिल करना एक चुनौती है।
- ऐसे में अलसी के बीज, चिया बीज, अखरोट, सब्जियाँ एवं साग के सेवन की सलाह दी गयी हैं।
नमक एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का कम उपभोग
- दिशानिर्देश के अनुसार नमक की खपत प्रतिदिन 5 ग्राम तक सीमित होनी चाहिए।
- वसा, नमक एवं चीनी की अत्यधिक मात्रा वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के सेवन में कमी पर अत्यधिक जोर दिया गया है।
भारत में आहार संबंधी स्वास्थ्य समस्याएँ
ख़राब जीवनशैली
- राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण, 2019 के अनुसार 5-9 आयु वर्ग के लगभग 5% बच्चे और 6% किशोर मोटापे से ग्रस्त थे।
- लगभग 2% बच्चों व किशोरों में मधुमेह व अन्य 10% में प्री डायबिटीज पाया गया है।
- सर्वेक्षण में 5-9 वर्षकी आयु के 37.3%बच्चों और 10-19 वर्ष की आयु के19.9% किशोरों में ‘बैड कोलेस्ट्रॉल’ (LDL एवं ट्राइग्लिसराइड्स) का स्तर उच्च पाया गया।
पोषण संबंधी दोहरी चुनौती
- 1 से 19 वर्ष की आयुवर्ग में सूक्ष्म पोषक तत्वों (जिंक, आयरन, विटामिन) की कमी है।
- भारत में अल्प पोषण एवं अतिपोषण दोनों चुनौतियाँ विद्यमान है।
- वर्तमान में भारत में अल्पपोषण के गंभीर रूप जैसे मरास्मस (कार्बोहाइड्रेट एवं प्रोटीन जैसे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी) और क्वाशियोरकोर (प्रोटीन की कमी) लगभग समाप्त हो गए हैं लेकिन एनीमिया का प्रसार अभी भी जारी है।
- द लैंसेट में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में अल्पपोषण के साथ ही मोटापे से ग्रसित लोगों में भी अधिक वृद्धि हुई है।
समूह-विशिष्ट दिशानिर्देश
समूह
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आहार दिशानिर्देश
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गर्भवती महिला
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- कम मात्रा में कई बार भोजन
- आयरन एवं फोलेट की अधिक मात्रा वाले फल व सब्जियों का सेवन
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शिशु एवं बच्चे
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- पहले छह महीनों तक शिशुओं को केवल स्तनपान कराना चाहिए
- गर्मी के दौरान भी पानी देने की कोई आवश्यकता नहीं
- 6 महीने के बाद पूरक आहार अवश्य शामिल करना चाहिए
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वृद्ध (Elderly)
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- प्रोटीन,कैल्शियम, सूक्ष्म पोषक तत्व एवं फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन।
- दालों एवं अनाजों के अलावा कम-से-कम एक-तिहाई साबुत अनाज का सेवन
- कम-से-कम200-400मिली निम्न वसा वाला दूध या दूध उत्पाद
- 400-500 ग्राम सब्जियों एवं फल का सेवन
- हड्डियों के घनत्व व मांसपेशियों को बनाए रखने के लिए व्यायाम
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