चर्चा में क्यों?
हाल ही में, जम्मू और कश्मीर राजस्व बोर्ड ने कृषि-भूमि के गैर-कृषि उद्देश्यों में रूपांतरण के लिये नए नियमों को अधिसूचित किया है। विदित है कि राज्य के पुनर्गठन तथा भूमि राजस्व अधिनियम में विधायी परिवर्तन के पश्चात् नए नियमों को अधिसूचित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- अक्तूबर 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर भूमि राजस्व अधिनियम, 1996 तथा तत्कालीन राज्य में भूमि के स्वामित्व, बिक्री व खरीद से संबंधित चार प्रमुख कानूनों में महत्त्वपूर्ण संशोधन किया गया था।
- नए नियम ‘जम्मू-कश्मीर कृषि-भूमि (गैर-कृषि उद्देश्यों हेतु रूपांतरण) विनियम, 2022’ के तहत ज़िला कलेक्टर को निश्चित सीमा के अंतर्गत भूमि उपयोग की अनुमति देने के लिये शक्तियाँ प्रदान करते हैं।
- नए नियमों के अनुसार, भू-स्वामी को अपनी कृषि-योग्य भूमि को गैर-कृषि कार्यों, जैसे-क्षेत्रीय योजना, विकास योजना आदि हेतु प्रयोग करने के लिये ज़िला कलेक्टर की अनुमति लेनी होगी तथा भू-राजस्व अधिनियम की धारा 113-ए की उप-धारा 2 के तहत राजस्व बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्धारित रूपांतरण शुल्क का भुगतान करना होगा।
- सहायक आयुक्त (राजस्व), अनुमंडल दंडाधिकारी और संबंधित तहसीलदार अपने-अपने क्षेत्राधिकार में इन विनियमों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये उत्तरदायी होंगे।