चर्चा में क्यों?
हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने नई स्कूल बैग नीति जारी की है। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नए शैक्षणिक सत्र से इस नीति का अनिवार्य रूप से पालन करने का निर्देश दिया है।
मुख्य प्रावधान :
बैग का भार
- नई स्कूल बैग नीति के अनुसार, कक्षा 1 से 10वीं तक के छात्रों के स्कूल बैग का भार उनके शरीर के वजन के 10% से अधिक नहीं होना चाहिये।
- सभी स्कूली छात्रों के बैग में पुस्तकों का वजन 500 ग्राम से 3.5 किलोग्राम के बीच होगा, जबकि कॉपियों का वजन 200 ग्राम से 2.5 किलोग्राम तक रहेगा। इसमें लंच बॉक्स और पानी की बोतल का वजन भी शामिल होगा।
- पहली कक्षा के छात्रों के लिये कुल 1,078 ग्राम वजन तक की अधिकतम 3 किताबें होंगी तथा 12वीं के छात्रों के लिये कुल 4,182 ग्राम वजन तक अधिकतम 6 किताबें होंगी।
- साथ ही, प्रकाशकों को किताबों पर उनका वजन प्रति वर्ग मीटर (GSM) के साथ छापना होगा।
- बच्चों के बस्ते का वजन चेक करने के लिये सभी स्कूलों में डिजिटल तौल मशीन होनी चाहिये तथा नियमित आधार पर स्कूल बैग के वजन की निगरानी भी करनी होगी। साथ ही, स्कूलों में लॉकर तथा पीने योग्य पानी की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिये।
गृहकार्य की सीमा
- इसी तरह कक्षा वार होमवर्क (गृहकार्य) की समय सीमा भी तय की गई है। नई नीति के तहत दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को होमवर्क नहीं दिया जाएगा।
- कक्षा 3 से 6 के लिये सप्ताह में केवल 2 घंटे का होमवर्क, कक्षा 7 और 8 के लिये प्रतिदिन 1 घंटे का होमवर्क तथा कक्षा 9 से 12 के लिये प्रतिदिन अधिकतम 2 घंटे का होमवर्क दिया जा सकता है।
अन्य तथ्य
- इस नीति के अंतर्गत पहिये वाले बैग्स (Trolley-Bags) को प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि सीढ़ियाँ चढ़ते समय ये बच्चों को चोट पहुँचा सकते हैं।
- ध्यातव्य है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह नीति एन.सी.ई.आर.टी. के सर्वक्षणों तथा उच्च स्तरीय समिति के अध्ययनों के आधार पर लाई गई है।