प्रारम्भिक परीक्षा – कैडिसफ्लाई की नई प्रजाति की खोज मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
संदर्भ
बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय (BGSBU)के शोधकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर में पाई जाने वाली कैडिसफ्लाई की एक नई प्रजाति की खोज की है।
प्रमुख बिंदु
- बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय, राजौरी के संस्थापक कुलपति स्वर्गीय मसूद चौधरी की याद में इस प्रजाति का नाम “रयाकोफिला मसुदी” रखा गया है।
कैडिसफ्लाई की नई प्रजाति
- यह प्रजाति कैडिसफ्लाइज़ रयाकोफिलिडे परिवार से संबंधित हैं।
- इसकी वैश्विक स्तर पर 800 से अधिक प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- भारत में रयाकोफिला प्रजातियों की कुल संख्या में 166 है।
- इन्हें उपवर्ग इंटीग्रिपालपिया के बेसल वंशों में से एक के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- यह प्रजाति आदिम प्रकृति के कारण जैव-भौगोलिक महत्व रखती हैं।
- रयाकोफिला की अधिकतर भारतीय प्रजातियां क्षेत्र का नाम स्थानिक हैं।
- भारत में रयाकोफिला और हिमालोसाइके मौजूद हैं।
निवास स्थान :-
- यह प्रजाति मुख्य रूप से उत्तरी-समशीतोष्ण क्षेत्रों जैसे- उत्तरी-अमेरिका, यूरोप, उत्तरी-एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- यह जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक हैं।
- यह प्रजाति सामान्यतः नदियों एवं झीलों के मीठे पानी तथा कभी-कभी खारे और ज्वारीय पानी में भी पाए जाते हैं।
विशेषताएँ :-
- यह खाद्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- ये विभिन्न मछली प्रजातियों के लिए प्राथमिक भोजन स्रोत एवं जल शुद्धिकरण में भी योगदान देते हैं।
- इसकी लम्बाई 3 से 15 मिलीमीटर होती है ।
- इस प्रजाति का सिर पीले-भूरे रंग होता हैं।
- इस प्रजाति के लार्वा नदी में स्वतंत्र रूप से घूमने की अपनी अद्वितीय क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
- इनके लार्वा औसत समुद्र तल से 3500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर विकसित होते हैं।
- यह प्रजाति मुख्य रूप से अपना भोजन पौधों और फूलों के रस से प्राप्त करते हैं।
महत्व:-
- यह खोज भारतीय हिमालय में कैडिसफ्लाइज़ की जैव विविधता के बारे में ज्ञान में वृद्धि करती है।
- यह पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण कीड़ों को समझने और संरक्षित करने के लिए निरंतर शोध के महत्व को रेखांकित करती है।
बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय :-
- इस विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2002 में जम्मू और कश्मीर में की गई थी।
- इस विश्वविद्यालय का नाम संत बाबा गुलाम शाह बादशाह के नाम पर रखा गया है।
- यह विश्वविद्यालय महान हिमालय पीर पंजाल श्रृंखला की तलहटी में स्थित है।
|
कैडिसफ्लाइज़ या ऑर्डर ट्राइकोप्टेरा :-
- यह जलीय लार्वा और स्थलीय वयस्कों वाले कीड़ों का एक समूह है।
- इसकी विश्व में लगभग 14,500 प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- इनको वयस्कता के आधार पर इंटीग्रिपैल्पियन और एनुलिपैल्पियन उपवर्गों में विभाजित किया गया है।
- इंटीग्रिपैल्पियन :- यह भोजन की तलाश में इधर-उधर घूमते समय अपनी सुरक्षा के लिए एक पोर्टेबल आवरण का निर्माण करते हैं।
- एनुलिपैल्पियन :- वयस्क छोटे पतंगे जैसे कीड़े होते हैं जिनके दो जोड़े बालों वाले झिल्लीदार पंख होते हैं।
- यह अपने लिए एक निश्चित आश्रय स्थल का निर्माण करते हैं।
|
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- हाल ही में बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय (BGSBU)के शोधकर्ताओं ने रयाकोफिला मसुदी की खोज की यह किस जीव की नई प्रजाति है?
(a) तितली की
(b) मधुमक्खी की
(c) ड्रैगनफ्लाई की
(d) कैडिसफ्लाई की
उत्तर: (d)
|