(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
चर्चा में क्यों
हाल ही में पश्चिमी घाट के शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य में जंपिंग स्पाइडर की दो नई प्रजातियों की खोज की गई।

नई प्रजातियों के बारे में
- नाम : एपिडेलैक्सिया फाल्सीफॉर्मिस (Epidelaxia falciformis)और एपिडेलैक्सिया पैलस्ट्रिस (Epidelaxia palustris)
- खोज स्थल : शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य (केरल)
- वंश (Genus): एपिडेलैक्सिया(Epidelaxia)
- यह पहली बार है जब इस प्रजाति को भारत में दर्ज किया गया है।
- आवास: इसका आवास श्रीलंका से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य भागों तक पाया जाता है।
प्रमुख विशेषताएँ:
- ये अपनी विशिष्ट शारीरिक विशेषताओं के कारण विशिष्ट रूप से पहचाने जाते हैं, जिसमें मादाओं के प्रोसोमा (शरीर का अगला भाग) पर एक प्रमुख पीले रंग का त्रिकोणीय आकार का निशान होता है।
- ई. फाल्सीफॉर्मिस के नर में पीले-भूरे रंग की पट्टी के साथ एक भूरे रंग का कवच होता है, जबकि ई. पैलस्ट्रिस के नर में उनके शरीर के किनारे एक हल्के भूरे रंग की पट्टी होती है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार इन दोनों प्रजातियों के आकार में थोड़ी भिन्नता पाई जाती है।
- पश्चिमी घाट के घने पत्तेदार इलाकों में निवास करने वाली मकड़ियों की ये प्रजातियाँ अपने पर्यावरण के प्रति अत्यधिक अनुकूलित होती है।
- इस प्रजाति को पहले श्रीलंका में स्थानिक माना जाता था।
इसे भी जानिए
शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य
- अवस्थिति : यह अभयारण्य भारत के पश्चिमी घाट में एक संरक्षित क्षेत्र है, जो केरल के कोल्लम जिले में अवस्थित है।
- यह अभयारण्य अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है।
- नामकरण : अभयारण्य का नाम स्थानिक प्रजाति ग्लूटा ट्रैवनकोरिका के नाम पर रखा गया है, जिसे स्थानीय तौर पर "चेंकुरिंजी" के नाम से जाना जाता है।
- स्थापना : 25 अगस्त 1984
- क्षेत्रफल : 172.403 वर्ग किमी.
- वन : उष्णकटिबंधीय सदाबहार, अर्ध-सदाबहार वन, दलदली वन, दक्षिणी उपोष्णकटिबंधीय पहाड़ी वन, रीड ब्रेक और घास के मैदान आदि।
- नदियां : शेंदुर्नी नदी, काजुथुरूथी नदी और कुलथुपुझा नदियाँ अभयारण्य से होकर बहती हैं।
- ये नदियाँ मिलकर कल्लदा नदी का निर्माण करती हैं। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ उमयार, परप्पार, उरुलियार और पसमंकंदमथोडु हैं।
- जैव विविधता : इस अभयारण्य में 150 से अधिक जीनस से संबंधित फूलों की लगभग 1257 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से लगभग 309 प्रजातियाँ पश्चिमी घाट में स्थानिक हैं।
- यहाँ प्रवासी, स्थानिक और लुप्तप्राय प्रजातियों सहित 267 प्रजातियों के पक्षी यहां पाए जाते हैं।
- यहां पाए जाने वाले सामान्य स्तनधारी हाथी, गौर, सांभर, जंगली भालू, मालाबार विशाल गिलहरी, नीलगिरि लंगूर, लायन टेल्ड मकाक आदि हैं।
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