वैज्ञानिकों ने हिमालयी राज्य उत्तराखंड में जंगली मशरूम की नई प्रजातियों की खोज की है।
खोजी गई नई प्रजातियों के नाम हैं : लेसीनेलम बोथी, फाइलोपोरस स्मिथाई, रेटिबोलेटस स्यूडोएटर, फाइलोपोरस हिमालयेनस एवं पोर्फिरेलस उत्तराखंडाई।
इनके अलावा वैज्ञानिकों ने मशरूम की दो अन्य प्रजातियों- लेसीनेलम सिनोअरेंटियाकम एवं जेरोकोमस रगोसेलस को भी भारत में पहली बार देखे जाने की पुष्टि की है।
मशरूम के बारे में
मशरूम एक तरह के कवक (Fungus) होते हैं, जो पोषण के साथ-साथ औषधीय गुणों से संपन्न होते हैं।
दुनिया में कवकों की 25 लाख से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनकी 90% से भी ज्यादा प्रजातियों से दुनिया अनभिज्ञ है।
मशरूम का महत्व
पौष्टिक व औषधीय गुण : उसमें प्राकृतिक रूप से मौजूद बायोएक्टिव तत्व शरीर में होने वाले संक्रमण के साथ-साथ वायरस, सूजन एवं रक्त का थक्का बनने से रोकने में भी मददगार हो सकते हैं।
पर्यावरणीय लाभ : वैश्विक वनस्पति एवं कवक स्थिति, 2023 नामक रिपोर्ट के अनुसार, वनस्पतियों को आवश्यक पोषक तत्व ग्रहण करने में मददगार होने के कारण कवक पेड़-पौधों के अस्तित्व के लिए भी आवश्यक हैं।