चर्चा में क्यों-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने डायबिटीज एवं मोटापे को नियंत्रण में रखने के लिए गेहूं की एक नई किस्म (पीबीडब्ल्यू आरएस1) विकसित की है। इस किस्म को पादप प्रजनन और आनुवंशिकी विभाग के गेहूं प्रजनकों की एक टीम द्वारा 10 वर्षों की अवधि में विकसित किया गया है।
परिचय-
इस गेहूं से बनी चपाती खाने के फायदे –
इससे पहले, पीएयू ने दो किस्में जारी की थीं-
इसके आटे की चपाती में प्रीमियम गुणवत्ता थी, जो लम्बे समय तक ताजा रहती थी। लेकिन किसी में भी पीबीडब्ल्यू आरएस1 जैसी विशेषताएं नहीं थीं।
पीबीडब्ल्यू आरएस1 में कमियां-
पीबीडब्ल्यू आरएस1 में एक कमी है इसकी उत्पादकता। पीएयू के क्षेत्रीय परीक्षणों में इस किस्म से औसत अनाज उपज 43.18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है। जो पंजाब की औसत उपज 48 क्विंटल से कम है। अन्य किस्मों में तो कई किसान 60 क्विंटल या इससे अधिक उपज ले रहे हैं।
निष्कर्ष-
पोषण सुरक्षा शुरू करने की दिशा में एक शुरुआत की जानी चाहिए। पीबीडब्ल्यू आरएस1 आटे में "उच्च औषधीय और पोषण मूल्य" वाले उत्पाद हैं। यह उचित विपणन के साथ, गेहूं खरीदारों से "उच्च कीमत प्राप्त" कर सकता है।
प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- कथन-1:- गेंहूँ पीबीडब्ल्यू आरएस-1 के आटे से बनी चपाती खाने से ग्लूकोज के स्तर में तत्काल और तेजी से वृद्धि नहीं होती है। (a) कथन-1 और कथन-2 दोनों सही हैं तथा कथन-2, कथन-1 की सही व्याख्या है (b) कथन-1 और कथन-2 दोनों सही हैं तथा कथन-2, कथन-1 की सही व्याख्या नहीं है (c) कथन-1 सही है किन्तु कथन-2 गलत है (d) कथन-1 गलत है किन्तु कथन-2 सही है उत्तर:- (a) मुख्य परीक्षा प्रश्न:- गेहूं की नई किस्म पीबीडब्ल्यू आरएस-1 पोषण सुरक्षा का बेहतर विकल्प हो सकता है। परीक्षण करें। |
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