परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व बनाने के प्रयासों के लिए जापानी संगठन ‘निहोन हिडांक्यो’ को वर्ष 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।
निहोन हिडांक्यो (Nihon Hidankyo) के बारे में
- निहोन हिडांक्यो का गठन 10 अगस्त, 1956 को ए एवं एच बम (परमाणु व हाइड्रोजन बम) के खिलाफ द्वितीय विश्व सम्मेलन के दौरान हुआ था।
- निहोन हिडांक्यो के सदस्य वर्ष 1945 में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा एवं नागासाकी में किए गए परमाणु बम हमले में जीवित बचे लोग हैं। इनमें से कई ‘हिबाकुशा’ या ‘बम-प्रभावित लोगों’ ने परमाणु हथियारों को समाप्त करने के लिए वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व किया।
- इस संगठन का मुख्य उद्देश्य हिबाकुशा का कल्याण, परमाणु हथियारों का उन्मूलन एवं पीड़ितों को उचित मुआवजा देना है।
- ये अपनी व्यक्तिगत कहानियों को साझा करके, अपने अनुभवों के आधार पर शैक्षिक अभियान विकसित करके और परमाणु हथियारों के प्रसार एवं उपयोग के बारे में तत्काल चेतावनी जारी करके परमाणु हथियारों के खिलाफ वैश्विक विरोध को बढ़ावा देने तथा मजबूत करने में सहायता करते हैं।
- निहोन हिडांक्यो को ‘परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व बनाने के प्रयासों तथा साक्ष्यों के माध्यम से यह प्रदर्शित करने के लिए कि परमाणु हथियारों का प्रयोग फिर कभी नहीं किया जाना चाहिए’ के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है।