New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

निहोंशु 

(प्रारम्भिक परीक्षा के लिए – निहोंशु, जीआई टैग)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषय)

चर्चा में क्यों 

  • भारत में जापान के दूतावास ने भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री के समक्ष एक आवेदन दायर किया है, जिसमें एक मादक पेय निहोंशु को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग देने की मांग की गई है।
  • यह पहला अवसर है, जब जापान के किसी उत्पाद के लिए भारत में जीआई टैग प्राप्त करने  के लिए आवेदन किया गया है।

निहोंशु

  • जापान में, निहोंशु को एक विशेष और मूल्यवान पेय के रूप में माना जाता है, जो कि चावल से बना होता है।
  • यह जापानी जीवन शैली और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है।
    • लोगों द्वारा पारंपरिक रूप से विशेष अवसरों, जैसे त्योहारों, शादियों या अंतिम संस्कारों पर निहोंशु का सेवन किया जाता है।
  • एडो काल (1603-1868) के दौरान इसका औद्योगिक रूप से विकास हुआ।
    • इस अवधि में पदानुक्रमित टोई प्रणाली की स्थापना हुई (टोई वह व्यक्ति है जो शराब बनाने के लिए जिम्मेदार है), जिसकी एक प्रशिक्षुता या गिल्ड प्रणाली से तुलना की जाती है।
  • अतीत में, जापान की अर्थव्यवस्था चावल पर आधारित थी, जिसका उपयोग मीजी अवधि (1869-1912) में मौद्रिक अर्थव्यवस्था की स्थापना से पहले एक प्रकार के अर्धविराम के रूप में किया गया था।
    • उस अवधि में निहोंशु उत्पादन पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में था।
  • निहोंशु के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में चावल, कोजिकिन ( एक प्रकार का फंगल बीजाणु ) और पानी की आवश्यकता होती है।
  • निहोंशु का उत्पादन एक मादक किण्वन विधि द्वारा किया जाता है, जिसे समानांतर एकाधिक किण्वन कहा जाता है।

जीआई टैग 

  • जीआई टैग मुख्य रूप से कृषि संबंधी, प्राकृतिक या विनिर्मित्त वस्तुओं के लिए जारी किया जाता है, जिनमें अनूठे गुण, ख्याति या इसके भौगोलिक उद्भव के कारण जुड़ी अन्य लक्षणगत विशेषताएं होती है।
  • जीआई टैग एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार ( आईपीआर ) होता है, जो आईपीआर के अन्य रूपों से भिन्न होता है। क्योंकि यह एक विशेष रूप से निर्धारित स्थान में समुदाय की विशिष्टता को श्रेय देता है।
  • वर्ल्‍ड इंटलैक्‍चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (WIPO) के अनुसार जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी उत्पाद को विशेष भौगोलि‍क पहचान दी जाती है। 
  • जीआई टैग वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री प्रमोशन एंड इंटरनल ट्रेड की तरफ से दिया जाता है। 
  • इसका पंजीकरण 10 वर्ष  के लिए मान्य होता है, तथा 10 वर्ष बाद पंजीकरण का फिर से नवीनीकरण कराया जा सकता है।

जीआई टैग के लाभ 

  • यह भारत में भौगोलिक संकेतों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, दूसरों द्वारा पंजीकृत भौगोलिक संकेतों के अनधिकृत उपयोग को रोकता है। 
  • यह भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित वस्तुओं के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।

यह ट्रेड मार्क से कैसे अलग है 

  • ट्रेड मार्क एक संकेत है, जिसका उपयोग व्यापार के दौरान किया जाता है और यह एक उद्यम के उत्पादों या सेवाओं को अन्य उद्यमों से अलग करता है।
  • जबकि भौगोलिक संकेत, एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न विशेष विशेषताओं वाले उत्पादों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR