राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)
- यह योजना 1 अप्रैल, 2004 से प्रभावी है।
- इसका नियमन पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा किया जाता है।
- पीएफआरडीए द्वारा स्थापित नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएसटी) एनपीएस के तहत सभी परिसंपत्तियों का पंजीकृत मालिक है।
- 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में शामिल हुए कर्मचारी, इस योजना के तहत अपने वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा पेंशन के लिए योगदान करते है।
- इसके अतिरिक्त राज्य सरकार कर्मचारी के वेतन के 14 प्रतिशत के बराबर योगदान देती है।
- पेंशन की सभी राशि पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण के पास जमा होती है।
- रिटायरमेंट पर कर्मचारी इस फंड में से 60 फीसदी राशि निकाल सकते हैं, जिस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है, शेष 40 फीसदी का एन्युइटी में निवेश किया जाता है, जिस पर टैक्स लगता है।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, शेयर बाजार से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर ही पेंशन का भुगतान किया जाता है।
- शेयर बाजार से जुड़े होने के कारण इसमे मिलने वाली पेंशन को लेकर अनिश्चितता रहती है।
- नई पेंशन योजना में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को भी शामिल नहीं किया गया है।
- मई 2009 के बाद से राष्ट्रीय पेंशन योजना भारत के सभी नागरिकों के लिये उपलब्ध है।
- 18-65 वर्ष का कोई भी भारतीय नागरिक (निवासी और अनिवासी दोनों) एनपीएस में शामिल हो सकता है।
- भारत के प्रवासी नागरिक और भारतीय मूल के व्यक्ति कार्डधारक तथा हिंदू अविभाजित परिवार राष्ट्रीय पेंशन योजना के लिये पात्र नहीं हैं
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