प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ-
केंद्र ने राज्यों को प्रशिक्षित नर्सों की क्षेत्रीय असमानता को दूर करने का निर्देश दिया है।
क्षेत्रीय असमानता (Regional skew)-
- स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत के 40% जिलों में कोई नर्सिंग कॉलेज नहीं हैं।
- लगभग 64% नर्सें केवल आठ राज्यों में प्रशिक्षित हैं।
- वास्तव में 42% नर्सिंग संस्थान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में केंद्रित हैं, जबकि 17% पश्चिमी राज्यों राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में हैं। केवल 2% नर्सिंग कॉलेज पूर्वोत्तर राज्यों में हैं।
- हालाँकि 2014-15 के बाद से स्नातक नर्सिंग शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों की संख्या में 36% की वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप नर्सिंग सीटों में 40% की वृद्धि हुई है।
- नर्सिंग कॉलेजों की वृद्धि भी मेडिकल कॉलेजों की 81% की वृद्धि दर से काफी पीछे है, 2014-15 के बाद से स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों की संख्या क्रमशः 110% और 114% बढ़ गई है।
- नर्सिंग सेवाएँ किसी भी चिकित्सा प्रतिष्ठान की रीढ़ होती हैं। भारत में वर्तमान में लगभग 35 लाख नर्सें हैं, लेकिन ‘नर्स-जनसंख्या अनुपात’ 3:1000 के वैश्विक बेंचमार्क के मुकाबले केवल 2.06:1000 है।
केंद्रीय योजनाएं-
- क्षेत्रीय असमानता का मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार ने अगले दो वर्षों में मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थित(co-located) 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की योजना की घोषणा की है, जिसमें प्रति कॉलेज ₹10 करोड़ की वित्तीय सहायता होगी।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि, ''इस योजना में तेजी लाने के लिए, राज्यों को अपने नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए अपने प्रस्ताव भेजने होंगे और समय पर पूरा करने के लिए परियोजना की प्रगति की निगरानी के लिए एक ‘राज्य स्तरीय निगरानी समिति’ का गठन करना होगा।''
- इसने कुछ राज्यों में अपनी ‘नर्सिंग सेवा विकास योजना’ के खराब क्रियान्वयन पर भी चिंता व्यक्त की है।
- इस योजना के तहत नर्सों के लिए अल्पकालिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया है, जिसमें 620 पाठ्यक्रमों से 18,600 नर्सें लाभान्वित हुई हैं।
- दिल्ली, केरल, मणिपुर और मिजोरम जैसे राज्यों को इस प्रशिक्षण योजना से लाभ हुआ है, लेकिन उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना ने इस योजना का कम उपयोग किया है।
वैश्विक नर्सिंग की कमी-
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, लगभग 27 मिलियन पुरुष और महिलाएं वैश्विक नर्सिंग और मिडवाइफरी(दाई) कार्यबल बनाते हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य कार्यबल का लगभग 50% है।
- वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है, विशेष रूप से नर्सों और दाईयों की, जो स्वास्थ्य कर्मियों की मौजूदा कमी का 50% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- WHO की रिपोर्ट के अनुसार, नर्सों और दाईयों की जरूरत के आधार पर सबसे बड़ी कमी दक्षिण- पूर्व एशिया और अफ्रीका में है।
- नर्सें स्वास्थ्य संवर्धन, बीमारी की रोकथाम और प्राथमिक और सामुदायिक देखभाल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- वे आपातकालीन स्थितियों में देखभाल प्रदान करती हैं और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की उपलब्धि के लिए महत्वपूर्ण होंगी।
- वे अक्सर स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों का पता लगाने वाले पहले व्यक्ति होते हैं और बीमारी की रोकथाम और प्रचार, रोकथाम, उपचार और पुनर्वास सहित प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के वितरण की अग्रिम पंक्ति पर कार्य करते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- नर्सिंग सेवा विकास योजना के उद्देश्यों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. नर्सों को प्रशिक्षण देना 2. प्रशिक्षित नर्सों की क्षेत्रीय असमानता को दूर करना 3. नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करना
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक (b) केवल दो (c) सभी तीनों (d) कोई भी नहीं
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- नर्सिंग सेवाएँ किसी भी चिकित्सा प्रतिष्ठान की रीढ़ होती हैं, किंतु भारत में इस सेवा में क्षेत्रीय असमानता व्याप्त है। समीक्षा कीजिए।
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