नोबेल अकादमी ने 5 अक्टूबर,2023 को साहित्य का नोबेल पुरस्कार, 2023 नॉर्वेजियन लेखक जॉन ओलाव फॉसे को उनके "अभिनव नाटकों और गद्य के लिए दिया गया है,जिन्होंने अकथनीय को आवाज दिया(voice to the unsayable)"।
मुख्य बिंदु-
1959 में नॉर्वे के पश्चिमी तट पर हाउगेसुंड में जन्मे फॉसे अपने नाटकों के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं।
64 वर्षीय फॉसे नोबेल पुरस्कार जीतने वाले चौथे नॉर्वेजियन हैं और 1928 के बाद साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले नार्वेजियन व्यक्ति हैं।
साहित्य की नोबेल समिति के अध्यक्ष एंडर्स ओल्सन ने कहा, "विभिन्न शैलियों में फैली उनकी विशाल कृति में लगभग 40 नाटक और उपन्यास, कविता संग्रह, निबंध, बच्चों की किताबें और अनुवाद शामिल हैं।"
फॉसे ने आधुनिकतावाद के मद्देनजर कलात्मक तकनीकों के साथ अपनी नॉर्वेजियन पृष्ठभूमि की भाषा और प्रकृति में निहितता का मिश्रण किया है।
फॉसे नॉर्वेजियन नाइनोर्स्क(Nynorsk) में लिखते हैं, जो नॉर्वेजियन के दो आधिकारिक प्रारूपों में सर्वाधिक सामान्य है।
नोबेल जीतने के बाद उन्होंने कहा कि वह इस पुरस्कार को इस भाषा और इसे बढ़ावा देने वाले आंदोलन की मान्यता मानते हैं और अंततः इस पुरस्कार के लिए वह भाषा के ही आभारी हैं।
1959 में जन्मे फॉसे ने पहली बार उपन्यास लिखना शुरू किया और 30 की उम्र में नाटकों की ओर रुख किया।
वह नॉर्वे के सर्वाधिक मंचित नाटककारों में से एक बन गएऔर वास्तव में उन्हें सर्वाधिक मंचित जीवित यूरोपीय नाटककारों में गिना जाता है।
उनके काम का 40 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
फॉसे ने उपन्यास, लघु कथाएँ, बच्चों की किताबें, कविता और निबंध के अलावा लगभग 40 नाटक लिखे हैं।
एक नाटककार के रूप में फॉसे की यूरोपीय सफलता क्लॉड रेगी के 1999 के पेरिस प्रोडक्शन में उनके 1996 के नाटक "नोकोन केजेम टिल आ कोमे" ("समवन इज़ गोइंग टू कम") के साथ आई।
गद्य में उनकी महान कृति सात भागों में विभाजित तीन पुस्तकों की "सेप्टोलॉजी" श्रृंखला थी, जिसे उन्होंने 2021 में पूरा किया - "डेट आंद्रे नामनेट" ("द अदर नेम" - 2019), "एग एर ईन अन्नान" ("आई इज अदर - 2020), और "ईट नित्त नाम्न" ("ए न्यू नेम" - 2021)।
उनका "ए न्यू नेम: सेप्टोलॉजी VI-VII" वर्ष,2022 में अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए फाइनलिस्ट था।
फॉसे के अन्य उल्लेखनीय कार्य- आई एम द विंड, मेलानचोली, बोथहाउस, द डेड डॉग्स।
सरल, न्यूनतम, मार्मिक संवाद की विशेषता वाली उनकी लेखन शैली को नोबेल विजेताओं सैमुअल बेकेट और हेरोल्ड पिंटर के समान माना जाता है।
फॉसे के नाटक 'नोकोन केजेम टिल आ कोमे' (1996; 'समवन इज़ गोइंग टू कम', 2002) की तुलना विशेष रूप से बेकेट के ‘वेटिंग फॉर गोडोट’ से की गई है।
10 साल पहले भी फॉसे को नोबेल के लिए प्रबल दावेदार माना जाता था।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- वर्ष,2023 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार किसे प्रदान किया गया?