(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय व चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण तथा उसकी चुनौतियाँ) |
संदर्भ
जम्मू एवं कश्मीर में विधान सभा चुनाव परिणाम से पूर्व और सरकार गठन की प्रक्रिया से पहले उपराज्यपाल (Lieutenant Governor : LG) मनोज सिन्हा ने जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में पाँच सदस्यों को नामित (मनोनीत) किया है।
विधानसभा में सदस्यों का मनोनयन
- जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में निर्दिष्ट किया गया है कि यदि LG की राय में विधानसभा में महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है तो LG द्वारा महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए विधानसभा में दो सदस्यों को नामित किया जा सकता है।
- हालाँकि, मई 2022 में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद परिसीमन पैनल ने जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में पाँच सदस्यों को नामित करने की सिफारिश की थी।
- इस सिफारिश में महिलाओं के लिए दो सीटें, कश्मीरी पंडितों के लिए दो और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू एवं कश्मीर (POJK) शरणार्थियों के लिए एक सीट शामिल है।
- इसके बाद उक्त सिफारिशों के अनुरूप जुलाई 2023 में जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करके विधानसभा में तीन अन्य सदस्यों को नामित करने की अनुमति दी गई।
- कश्मीरी पंडित प्रवासी समुदाय से दो सदस्य जिनमें से एक महिला होगी।
- एक सदस्य पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू एवं कश्मीर से विस्थापित व्यक्ति से होगा।
- इस अधिनियम में उल्लेख किया गया है कि ये नामांकन जम्मू एवं कश्मीर के LG के विवेक पर निर्भर हैं।
- हालाँकि, इन सदस्यों के मताधिकार एवं सरकार गठन में इनकी भागीदारी के संबंध में अधिनियम में किसी स्पष्ट प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है।
- हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करते हुए केंद्र सरकार ने LG की शक्तियों में विस्तार किया है।
- केंद्र-शासित जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा का गठन पुडुचेरी विधानसभा की तर्ज पर किया गया है जहाँ तीन मनोनीत सदस्य निर्वाचित विधायकों के समान कार्य करते हैं और उन्हें मताधिकार भी प्रदान किया गया है।