विशेषता (Feature) |
बैंक (Banks) |
NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ) |
नियामक ढांचा (Regulatory Framework) |
Banking Regulation Act, 1949 के तहत संचालित, RBI द्वारा विनियमित। |
Companies Act, 1956/2013 के तहत पंजीकृत। RBI या अन्य नियामक जैसे SEBI, IRDAI, NHB द्वारा नियंत्रित। |
डिमांड डिपॉज़िट (Demand Deposits) |
स्वीकार कर सकते हैं (जैसे – बचत खाता, चालू खाता)। |
स्वीकार नहीं कर सकते। |
भुगतान और निपटान प्रणाली (Payment and Settlement System) |
भुगतान प्रणाली का हिस्सा होते हैं; चेक जारी कर सकते हैं। |
भुगतान प्रणाली का हिस्सा नहीं; खुद के नाम से चेक जारी नहीं कर सकते। |
डिपॉज़िट बीमा (Deposit Insurance) |
DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के तहत ₹5 लाख तक की बीमा। |
NBFC डिपॉज़िट DICGC बीमा के अंतर्गत नहीं आते। |
चेक जारी करना (Issuance of Cheques) |
चेक जारी कर सकते हैं और क्लियरिंग सिस्टम से जुड़े होते हैं। |
चेक जारी नहीं कर सकते। |
वैधानिक आवश्यकताएँ (Statutory Requirements) |
CRR (Cash Reserve Ratio) और SLR (Statutory Liquidity Ratio) बनाए रखना अनिवार्य। |
CRR और SLR लागू नहीं; लेकिन RBI के Scale Based Regulation (SBR) के तहत लिक्विडिटी मानदंडों का पालन आवश्यक। |
FDI (Foreign Direct Investment) |
अधिकतम 74% (स्वचालित + सरकारी मार्ग)। |
अधिकतम 100% (स्वचालित मार्ग), विशेष गतिविधियों में। |
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending - PSL) |
PSL लक्ष्यों को पूरा करना अनिवार्य (40% ANBC)। |
अनिवार्य नहीं (कुछ अपवाद – जैसे NBFC-MFIs)। |
सेवाओं की श्रेणी (Range of Services) |
जमा, ऋण, क्रेडिट कार्ड, विदेशी मुद्रा, रेमिटेंस आदि सहित पूर्ण बैंकिंग सेवाएँ। |
ऋण, अग्रिम, लीजिंग, हायर परचेज, सूक्ष्म-वित्त और निवेश सेवाएँ प्रदान करते हैं। |
अर्थव्यवस्था में भूमिका (Role in the Economy) |
औपचारिक वित्त प्रणाली के केंद्र में, बड़े पैमाने पर ऋण वितरण। |
बैंकिंग सेवाओं से वंचित वर्गों (जैसे – ग्रामीण, MSME, स्वरोज़गार) को सेवाएँ देकर बैंकों की पूरक भूमिका (Complementary Role) निभाते हैं। |
NBFCs लचीले (Agile) होते हैं और विशेष जरूरतों के अनुसार सेवाएँ देते हैं, जैसे:
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