विगत कई वर्षों से डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि 98.6 ° F (37 °C) वास्तव में शरीर का मानक ‘सामान्य’ तापमान नहीं है, जिसे पूर्व में मानक तापमान माना जाता था।
शरीर का ‘सामान्य’ तापमान
- वर्ष 1851 में, कार्ल रीनहोल्ड ऑगस्ट वंडरलिच ने शरीर के तापमान को मापने के लिये नैदानिक थर्मामीटर (clinical thermometer) का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया।
- यह थर्मामीटर लगभग एक फुट लम्बी रॉड के आकार का था, जिसे वो लीपज़िग विश्वविद्यालय से जुड़े अस्पताल में रोगियों काँख (armpits) में लगा देते थे और फिर तापमान दर्ज करने के लिये 15 मिनट तक प्रतीक्षा करते थे।
- उन्होंने लगभग 25,000 रोगियों के शरीर के तापमान के दस लाख से ज़्यादा नमूने एकत्र किये और वर्ष 1868 में एक पुस्तक में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किये, जिसमें उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि औसत मानव शरीर का तापमान 98.6 ° F है।
- यद्यपि वर्तमान में अधिकांश आधुनिक वैज्ञानिकों को लगता है कि वंडरलिच के प्रयोग त्रुटिपूर्ण थे और उनके उपकरण भी सही नहीं थे।
- एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि औसत मानव शरीर का तापमान 98.2 ° F (36.8 °C) के करीब है और सुझाव दिया कि 98.6 ° F के बेंचमार्क को अब हटा देना चाहिये।
- ध्यातव्य है कि द्रवों का आयतन ताप ग्रहण कर बढ़ जाता है तथा आयतन में होने वाली यह वृद्धि तापक्रम के समानुपाती होती है। साधारण थर्मामीटर इसी सिद्धान्त पर काम करते हैं। साधारण थर्मामीटर की खोज श्रेय इटली के चिकित्सक और वैज्ञानिक, संतोरियो संतोरियो (Santorio Santorio) को जाता है, जबकि आधुनिक पारे के थर्मामीटर की खोज का श्रेय डच वैज्ञानिक डैनियल गैब्रियल फॉरेनहाइट (Daniel Gabriel Fahrenheit) को जाता है।
शारीरिक तापमानों में विसंगति
- अमेरिका और यूरोप में हुए व्यापक अध्ययनों में समय के साथ शरीर के औसत तापमान में गिरावट देखी गई है।
- हाल के वर्षों में, विभिन्न अध्ययनों द्वारा शोधकर्ताओं ने मानव शरीर के सामान्य तापमान का औसत अलग-अलग पाया है, जिसमें 97.7°F, 97.9°F और 98.2°F शामिल हैं।
- विगत वर्ष प्रकाशित, एक बड़े अध्ययन में यह पाया गया कि अमेरिकियों के शरीर के सामान्य तापमान में पिछली दो शताब्दियों में गिरावट देखी गई है।