प्रारम्भिक परीक्षा – समसामयिकी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों ?
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तेलुगू फिल्मों के दिग्गज अभिनेता एवं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन.टी. रामाराव के शताब्दी वर्ष के अवसर पर 28 अगस्त 2023 को एक स्मारक सिक्का जारी किया।
- भारत द्वारा वर्ष 1960 के दशक से निम्नलिखित उद्देश्यों के लिये स्मारक सिक्के जारी किये जाते हैं - उल्लेखनीय व्यक्तित्वों का सम्मान देने के लिए , सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए तथा महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को स्मरण करने के लिए।
- वर्ष 2011 के सिक्का अधिनियम के अनुसार, केंद्र सरकार के पास सिक्कों को डिज़ाइन और ढालने का अधिकार है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) इन सिक्कों के वितरण में सीमित भूमिका निभा रहा है। भारत के सभी सिक्के मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित सरकारी टकसालों में ढाले जाते हैं।
- भारत में प्रथम स्मारक सिक्का वर्ष 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में जारी किया गया था।
|
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रपति ने कहा कि रामाराव ने एक अभिनेता के रूप में पात्रों को अपने अभिनय से जीवंत किया और असाधारण व्यक्तित्व एवं अपनी कर्मठता के बल पर भारतीय राजनीति के एक अनोखे अध्याय की रचना की।
- इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि दिवंगत नन्दमूरि तारक रामाराव जी को लोग स्नेह और सम्मान के साथ एन.टी.आर के नाम से याद करते हैं तथा उनकी जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी स्मृति को वह नमन करती हैं।
- राष्ट्रपति ने कहा कि एन.टी. रामाराव ने तेलुगू फिल्मों के जरिए भारतीय सिनेमा और संस्कृति को समृद्ध बनाया। उन्होंने रामायण और महाभारत के प्रमुख पात्रों को अपने अभिनय से जीवंत रूप प्रदान किया था।
- उनके द्वारा अभिनीत प्रभु श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र इतने सजीव बन पड़े थे कि लोग रामाराव जी को पूजने लगे थे। मुर्मू ने कहा कि एक अभिनेता के रूप में उनकी लोकप्रियता, एक जन-सेवक और नेता के रूप में भी उतनी ही व्यापक बनी रही।
- राष्ट्रपति ने कहा कि दिवंगत एन.टी. रामाराव ने अपने असाधारण व्यक्तित्व और कर्मठता के बल पर भारतीय राजनीति के एक अनोखे अध्याय की रचना की और उनके द्वारा चलाए गए जन-कल्याण के अनेक कार्यक्रम आज भी याद किए जाते हैं।
- उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि एक फिल्म में उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण, दुर्योधन और कर्ण तीनों भूमिकाओं में अद्भुत अभिनय किया था और सामान्य लोगों के दुख-दर्द को भी अपने अभिनय से अभिव्यक्त किया था।
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एन.टी. रामाराव ने अपनी फिल्म 'मनुषुलु अन्ता वोक्कटे' (सभी मनुष्य एक समान हैं) द्वारा सामाजिक न्याय और समानता का संदेश दिया था।
- राष्ट्रपति ने कहा कि एन.टी. रामाराव जी की स्मृति में उनकी आकृति से युक्त सिक्का प्रस्तुत करने के लिए वह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की सराहना करती हैं।
एन.टी. रामाराव का जीवन परिचय
- एन.टी. रामाराव का जन्म 28 मई, 1923 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक छोटे से गाँव निम्माकुरु में हुआ था।
एन. टी. रामाराव का अभिनय करियर
- एन.टी. रामाराव का अभिनय करियर 1950 के दशक में शुरू हुआ जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म मन देशम में अभिनय किया। वह तेलुगु सिनेमा में सबसे लोकप्रिय और सफल अभिनेताओं में से एक हैं। जिन्होंने 300 से अधिक फिल्में की थीं।
एन.टी. रामाराव राजनीतिक जीवन
- एन.टी. रामाराव की राजनीति में यात्रा 1982 में शुरू हुई जब उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की स्थापना की। एनटीआर ने 1983 का विधानसभा चुनाव लड़ा और भारी जीत हासिल कर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। यह 1983 से 1995 तक तीन बार आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री थे।
पुरस्कार
- उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, एक तेलुगु में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए और दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए।
- उन्हें 1968 में पद्म श्री और 1984 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। 1995 में, उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
प्रारम्भिक परीक्षा प्रश्न : अभी हाल ही में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा किस तेलुगू फिल्म अभिनेता के नाम पर स्मारक सिक्का जारी किया गया है ?
(a) कमल हसन
(b) पवन कल्याण
(c) नन्दमूरि तारक रामाराव
(d) चिरंजीवी
उत्तर (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: भारत सरकार के द्वारा जारी स्मारक सिक्कों का महत्त्व क्या है? व्याख्या कीजिए।
|