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नुआखाई पर्व

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, ओडिशा राज्य का सबसे बड़ा पर्व नुआखाई (Nuakhai) त्योहार मनाया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • नुआखाई का शाब्दिक अर्थ है- नया खाना। इस दौरान काटी गई नई फसल की पूजा की जाती है और लोग अपने परिवार के साथ चावल की नई फसल खाकर इसे मनाते हैं। 
  • नुआखाई एक संबलपुरी त्योहार है जो पश्चिमी ओडिशा में अत्यधिक लोकप्रिय है। यह क्षेत्र जनजातीय बहुल है जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि है। 
  • इस त्योहार का उद्देश्य सामाजिक जुड़ाव का जश्न मनाना और पारिवारिक संबंधों को मज़बूत करना है। यह त्योहार किसानों द्वारा गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद मनाया जाता है। 

उत्पत्ति 

  • इस त्योहार की उत्पत्ति वैदिक काल से हुई मानी जाती है जहाँ ऋषि पंचयज्ञ/ पांच्यजन (Panchyajna) पर चर्चा करते थे। प्रलंबन यज्ञ (Pralambana Yajna) इनमें से एक है, जो नई फसल काटने और देवी माँ की पूजा से संबंधित है।
  • 12वीं शताब्दी ई. से इस त्योहार की एक परंपरा रही है। यह त्यौहार चौहान राजा रमई देव द्वारा पटनागढ़ में मनाया जाता था, जो अब ओडिशा में बोलांगीर जिला है।
  • नुआखाई त्योहार कृषि की प्रासंगिकता और देश के विकास में किसानों की भूमिका को रेखांकित करता है। 
  • इस त्यौहार में बेहराना से नुआखाई तक 9 रस्में होती हैं और सभी रस्में जुहर भेट से समाप्त होती हैं।
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