
- न्यूक्लियर एनर्जी (Nuclear Energy) वह ऊर्जा होती है जो एक परमाणु (Atom) के नाभिक (Nucleus) में संग्रहित (Stored) होती है और यह नाभिकीय अभिक्रियाओं (Nuclear Reactions) के माध्यम से मुक्त (Released) होती है।
- यह एक शक्तिशाली (Powerful) ऊर्जा स्रोत है, जिसका उपयोग:
- बिजली उत्पादन (Electricity Generation)
- चिकित्सा उपयोग (Medical Applications)
- अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Exploration)
- और परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) में किया जाता है।
परमाणु ऊर्जा प्राप्त करने के दो मुख्य तरीके (Two Main Ways to Release Nuclear Energy):-
- नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission)
- नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion)
नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission)
(वर्तमान में परमाणु बिजली संयंत्रों में उपयोग किया जाता है)
- नाभिकीय विखंडन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई भारी परमाणु नाभिक (जैसे यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239) न्यूट्रॉन (Neutron) से टकराने पर छोटे नाभिकों में विभाजित (Split) हो जाता है।
इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चीज़ें निकलती हैं:
- बहुत अधिक ऊष्मा ऊर्जा (Heat Energy)
- अधिक न्यूट्रॉन (Neutrons), जो श्रृंखला अभिक्रिया (Chain Reaction) को जारी रखते हैं
- रेडियोधर्मी उत्पाद (Radioactive By-products) — जो हानिकारक (Harmful) हो सकते हैं
नाभिकीय विखंडन से बिजली कैसे बनती है? (How Does Fission Generate Electricity?)
- ईंधन रॉड (Fuel Rods)
- यूरेनियम (Uranium) या प्लूटोनियम (Plutonium) को परमाणु रिएक्टर (Nuclear Reactor) के अंदर ईंधन रॉड्स के रूप में रखा जाता है।
- श्रृंखला अभिक्रिया (Chain Reaction)
- न्यूट्रॉन (Neutron) ईंधन परमाणुओं से टकराते हैं, जिससे वे विखंडित (Split) होते हैं और ऊष्मा (Heat) उत्पन्न होती है।
- ऊष्मा का स्थानांतरण (Heat Transfer)
- उत्पन्न ऊष्मा का उपयोग पानी को भाप (Steam) में बदलने के लिए किया जाता है।
- टरबाइन का घूमना (Turbine Rotation)
- उच्च-दाब (High-Pressure) भाप एक टरबाइन (Turbine) को घुमाती है, जो एक जनरेटर (Generator) से जुड़ी होती है।
- बिजली उत्पादन (Electricity Production)
- जनरेटर इस यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy) को विद्युत ऊर्जा (Electricity) में बदल देता है।
- शीतन और पुनः उपयोग (Cooling & Recycling)
- उपयोग की गई भाप को ठंडा करके पुनः पानी (Water) में बदला जाता है, जिसे फिर से प्रयोग में लाया जाता है।
नाभिकीय विखंडन रिएक्टरों के उदाहरण (Examples of Nuclear Fission Reactors):
- प्रेसराइज्ड वॉटर रिएक्टर (Pressurized Water Reactor – PWR)भारत (India), अमेरिका (USA), फ्रांस (France), रूस (Russia) में उपयोग में।
- बॉयलिंग वॉटर रिएक्टर (Boiling Water Reactor – BWR)जापान (Japan), अमेरिका (USA) में प्रचलित।
- फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (Fast Breeder Reactors – FBRs)भारत इन्हें विकसित (Developing) कर रहा है ताकि ईंधन की उपयोगिता (Fuel Efficiency) को बढ़ाया जा सके।
नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion):- स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य (Future of Clean Energy)
- नाभिकीय संलयन (Fusion) वह प्रक्रिया है जिसमें दो हल्के परमाणु नाभिक (जैसे हाइड्रोजन के समस्थानिक Deuterium और Tritium) मिलकर एक भारी नाभिक (Helium) बनाते हैं, और अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
- यह प्रक्रिया सूर्य और तारों (Sun & Stars) में होती है और इसे चालू रखने के लिए करोड़ों डिग्री सेल्सियस (Millions of °C) तापमान और अत्यधिक दबाव (High Pressure) की आवश्यकता होती है।
अब तक फ्यूजन का उपयोग क्यों नहीं हो सका? (Why is Fusion Not Used Yet?)
- इसे बनाए रखने के लिए अत्यधिक तापमान (Temperature) और दबाव (Pressure) चाहिए।
- वैज्ञानिक टोकामाक रिएक्टर (Tokamak Reactors) पर काम कर रहे हैं। उदाहरण: ITER प्रोजेक्ट (France) में दुनिया के वैज्ञानिक मिलकर काम कर रहे हैं।
फ्यूजन की तुलना में फिशन पर फ्यूजन के लाभ (Advantages of Fusion over Fission):
- नाभिकीय दुर्घटना (Nuclear Meltdown) का खतरा नहीं होता।
- लंबे समय तक रेडियोधर्मी कचरा (Long-lived Radioactive Waste) नहीं बनता।
- ईंधन की आपूर्ति प्रचुर मात्रा में (Hydrogen from Water).
- फिशन से अधिक ऊर्जा उत्पादन (Higher Energy Output)।
भारत की नाभिकीय ऊर्जा योजना (India’s Nuclear Energy Program)
- डॉ. होमी भाभा द्वारा तैयार की गई यह तीन-चरणीय योजना (Three-Stage Program) भारत के थोरियम (Thorium) भंडार का पूरा उपयोग करने के लिए बनाई गई है।
चरण 1 – प्रेसराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर्स (Pressurized Heavy Water Reactors – PHWRs)
- ईंधन: यूरेनियम-235 (U-235)
- हेवी वॉटर (D₂O – Heavy Water) का उपयोग मंदक (Moderator) के रूप में
- उदाहरण: तरापुर (Tarapur), काकरापार (Kakrapar), कैगा (Kaiga)
चरण 2 – फास्ट ब्रीडर रिएक्टर्स (Fast Breeder Reactors – FBRs)
- ईंधन: चरण-1 से बना प्लूटोनियम-239 (Plutonium-239)
- उदाहरण: प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (PFBR) – कलपक्कम (Kalpakkam), तमिलनाडु
चरण 3 – एडवांस थोरियम रिएक्टर्स (Advanced Thorium Reactors)
- ईंधन: थोरियम-232 (Thorium-232) – भारत में प्रचुर मात्रा में
- लक्ष्य: भारत को परमाणु ईंधन में आत्मनिर्भर (Self-Sufficient) बनाना
- वर्तमान में विकास की स्थिति में (Under Development)
भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र (India’s Nuclear Power Plants)
संचालित संयंत्र (Operational Plants):
- तरापुर (Tarapur) – महाराष्ट्र
- कुडनकुलम (Kudankulam) – तमिलनाडु
- कलपक्कम (Kalpakkam) – तमिलनाडु
- कैगा (Kaiga) – कर्नाटक
- काकरापार (Kakrapar) – गुजरात
- रावतभाटा (Rawatbhata) – राजस्थान
आगामी संयंत्र (Upcoming Plants):
- भारत ने वर्ष 2030 तक 22 गीगावॉट (GW) परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
- कई नए रिएक्टर्स (New Reactors) का निर्माण प्रगति पर है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग (International Collaborations)
भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (Indo-US Nuclear Deal – 2008):
- यह समझौता भारत को नॉन-प्रोलिफरेशन ट्रीटी (NPT) का सदस्य न होते हुए भी सिविल परमाणु व्यापार (Civil Nuclear Trade) की अनुमति देता है।
भारत ने परमाणु तकनीक (Nuclear Technology) के लिए समझौते किए हैं:
- रूस (Russia) – Rosatom कंपनी के साथ
- फ्रांस (France) – Areva कंपनी के साथ
- जापान (Japan) – उपकरण और सुरक्षा तकनीक के लिए
परमाणु ऊर्जा के लाभ (Advantages of Nuclear Energy)
अत्यधिक ऊर्जा उत्पादन (High Energy Output):
- थोड़ी-सी मात्रा में यूरेनियम (Uranium) बहुत ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करता है।
कम कार्बन उत्सर्जन (Low Carbon Emissions):
- जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को रोकने में मदद करता है।
विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति (Reliable Power Supply):
- सौर (Solar) और पवन ऊर्जा (Wind) के विपरीत, परमाणु ऊर्जा 24x7 उपलब्ध रहती है।
थोरियम की क्षमता (Thorium Potential):
- भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा थोरियम भंडार (Thorium Reserves) है, जिससे भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता (Energy Security) मिल सकती है।
परमाणु ऊर्जा की चुनौतियाँ और जोखिम(Challenges & Risks of Nuclear Energy)
- परमाणु अपशिष्ट निपटान (Nuclear Waste Disposal):प्रयुक्त ईंधन (Spent Fuel) हजारों वर्षों तक रेडियोएक्टिव (Radioactive) बना रहता है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य को खतरा होता है।
- परमाणु दुर्घटनाएँ (Nuclear Accidents):इतिहास में चेर्नोबिल (Chernobyl - 1986), फुकुशिमा (Fukushima - 2011) और थ्री माइल आइलैंड (Three Mile Island - 1979) जैसी घटनाओं ने सुरक्षा संबंधी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
- उच्च प्रारंभिक लागत (High Initial Cost):परमाणु बिजलीघर (Nuclear Power Plant) की स्थापना में भारी निवेश (Investment) की आवश्यकता होती है।
- प्रसार का जोखिम (Risk of Proliferation):परमाणु तकनीक (Nuclear Technology) का उपयोग हथियारों (Weapons) के निर्माण के लिए भी किया जा सकता है, जिससे वैश्विक शांति को खतरा हो सकता है।
परमाणु ऊर्जा का भविष्य(Future of Nuclear Energy)
- स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (Small Modular Reactors - SMRs):छोटे, सुरक्षित और कम लागत वाले परमाणु रिएक्टर जो स्थानीय स्तर पर ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
- फ्यूज़न ऊर्जा परियोजनाएं (Fusion Energy Projects):वैज्ञानिक न्यूक्लियर फ्यूज़न (Nuclear Fusion) को वास्तविकता में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। प्रमुख परियोजनाएं हैं:
- ITER – फ्रांस में
- DEMO – यूरोप में
- चीन का एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (China's Experimental Reactor)
- एडवांस्ड ब्रीडर रिएक्टर्स (Advanced Breeder Reactors):ये रिएक्टर ईंधन दक्षता (Fuel Efficiency) बढ़ाते हैं और परमाणु अपशिष्ट (Waste) को कम करते हैं।