प्रारम्भिक परीक्षा – किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुए की संख्या बढ़ी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता , पर्यावरण) |
संदर्भ
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुए की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
प्रमुख बिंदु :-
- वन्यजीव अधिकारियों के द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार, किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 100 हिम तेंदुए पाए गए हैं।
- यह हिम तेंदुए अप्रैल 2022 में 20 की संख्या में थे।
- किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुओं के पहले सर्वेक्षण में 135 स्थानों पर 278 कैमरा ट्रैप लगाए गए थे।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में किये गए सर्वेक्षण के दौरान, वन्यजीव अधिकारियों को हंगुल के छर्रे, भूरे भालू, आइबेक्स, गोराल और कस्तूरी मृग भी पाए गए।
- हंगुल :- यह एक लुप्तप्राय प्रजाति है। इन्हें कश्मीर बारहसिंगा भी कहा जाता है।
- यह केवल कश्मीर के दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान:-
- यह जम्मू और कश्मीर राज्य के किश्तवाड़ जिले में स्थित है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1980 में हिम तेंदुओं की रक्षा के लिए की गई थी।
- यह पार्क जम्मू से लगभग 250 किलोमीटर और किश्तवाड़ शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है,
- किश्तवाड़ जिले के मारवाह और दछन इलाकों में 2191.5 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जिसके एक तरफ लद्दाख और दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश की सीमा है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्र वाटरशेड रिज से शुरू होता है और इसके बहाव में पहले स्थायी गांव/हेमलेट के पास समाप्त होता है।
राष्ट्रीय उद्यान की विशेषताएं:-
- यह 2300 मीटर से 6000 मीटर तक की उच्च ऊंचाई अर्थात उप-अल्पाइन और अल्पाइन क्षेत्र पर स्थित है।
- इसमें घास भूमि, झाड़ीदार वनस्पति, दलदली भूमि, हिमानी झीलें और विभिन्न प्रकार के जंगल हैं।
- नालों के किनारे ब्लूपाइन, देवदार, स्प्रूस और भोजपत्र जैसे शंकुधारी पेड़ों की वृद्धि देखी जा सकती है।
- ऊंचाई वाले क्षेत्र में विविध वनस्पतियों की उपलब्धता के कारण यह क्षेत्र वन्य जीवन के लिए अत्यधिक उपयुक्त है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान हिमालयी क्रिस्टलीय समूह के अंतर्गत आता है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में ब्रह्मा ग्लेशियर स्थित है ।
- यह सर्दियों के दौरान बर्फ से ढका रहता है।
जल निकासी:
- इस राष्ट्रीय उद्यान में कई छोटी-छोटी नदियाँ प्रवाहित होती हैं जो रेनाई, कियार, नंथ और किब्बर नालों में गिरती हैं।
- ये सभी स्वतंत्र रूप से मारवाह नदी में गिरती हैं जो भंडारकूट में चंद्रभागा नदी से मिलती है और चिनाब नदी बनाती है।
वन्यजीव :-
- इस राष्ट्रीय उद्यान में कस्तूरी मृग, भूरे भालू, हंगुल, आइबेक्स, तेंदुआ, मार्खोर, जंगली सूअर, भारतीय मुंतीजाल, भारल, सीरो और रीसस मकाक आदि वन्यजीव पाए जाते हैं।
- किश्तवाड़ में पक्षियों की लगभग 50 प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छ-पूंछ वाले गिद्ध, दाढ़ी वाले गिद्ध, सफेद गाल वाली बुलबुल और हिमालयी जंगल कौवा आदि पाए जाते हैं।
वनस्पति:-
- इस राष्ट्रीय उद्यान में शंकुधारी वनो, देवदार, ब्लू पाइन या कैल और स्प्रूस आदि वृक्ष पाए जाते हैं।
हिम तेंदुआ (Snow Leopard):-
- इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा अन्सिया (Panthera uncia) है।
- इसे "Ghost of the Mountains" अर्थात "पहाड़ों का भूत" कहा जाता है।
- यह अल्पाइन घास के मैदानों और चट्टानी क्षेत्रों में गर्मियों में समुद्र तल से 2,700-6,000 मीटर की ऊंचाई पर और सर्दियों के दौरान लगभग 1,200-2,000 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं।
- हिम तेंदुए की वैश्विक संख्या लगभग 10,000 से कम है।
- भारत में हिम तेंदुए की जनसंख्या आकलन के अनुसार, भारत में 718 हिम तेंदुए हैं।
विशेषता :-
- हिम तेंदुओं के फर मोटे भूरे और पीले रंग के होते हैं
- इनके सिर, गर्दन और निचले अंगों पर ठोस धब्बे होते हैं और शरीर के बाकी हिस्सों पर रोसेट होते हैं।
- रोसेट बड़े छल्ले होते हैं जो छोटे-छोटे धब्बों को घेरते हैं।
- हिम तेंदुओं की भी बहुत लंबी, मोटी पूँछें होती हैं जिनका उपयोग वे चट्टानों पर संतुलन बनाने और ठंड से बचने के लिए करते हैं।
- इसके रोएंदार पंजे होते हैं जो तेज चट्टानों पर स्नोशू और पैडिंग दोनों के रूप में कार्य करते हैं।
- हिम तेंदुए दहाड़ नहीं सकते।
- ये लगभग 50 फीट तक की लंबाई तक छलांग लगा सकते हैं।
- यह एकांत में रहने वाला प्राणी है।
निवास स्थान :-
- एशिया के मध्य और दक्षिणी पर्वतीय क्षेत्रों में भारत, नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, रूस, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, उज़्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि देशों में पाए जाते हैं।
- भारत में यह पश्चिमी एवं पूर्वी हिमालय क्षेत्र लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश आदि में पाये जाते हैं।
खतरा:-
- मानव- हिम तेंदुआ संघर्ष
- शिकार एवं आवास की क्षति
- अवैध शिकार
- जलवायु परिवर्तन
संरक्षित स्थान:-
- हेमिस राष्ट्रीय उद्यान, लद्दाख (इसे हिम तेंदुओं की 'वैश्विक राजधानी' के रूप में भी जाना जाता है।)
- ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, हिमाचल प्रदेश
- गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड
- कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम
संरक्षण स्थिति:-
- IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable)
- CITES - परिशिष्ट - I
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची 1
संरक्षण हेतु प्रयास :-
- ग्लोबल स्नो लेपर्ड एंड इकोसिस्टम प्रोटेक्शन (GSLEP) कार्यक्रम
- हिमाल संरक्षक - सामुदायिक स्वयंसेवी कार्यक्रम
- प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड (PSL)
- हिम तेंदुआ संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, पश्चिम बंगाल
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में भारतीय वन्यजीव संरक्षण विभाग ने किस राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुए की संख्या में वृद्धि दर्ज की है?
(a) हेमिस राष्ट्रीय उद्यान
(b) गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान
(c) किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान
(d) कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान
उत्तर - (c)
|
स्रोत: The Indian EXPRESS