हाल ही में, भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा भारत के पहले ई-रिसोर्स सेंटर 'न्याय कौशल' का ‘न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान’ नागपुर में उद्घाटन किया गया है।
यह केंद्र उच्चतम न्यायालय, सभी उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों में मामलों की ई-फाइलिंग की सुविधा प्रदान कर देश में न्यायिक व्यवस्था को गति प्रदान करेगा।
इस केंद्र के द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अदालत में लम्बित मामलों को आसान तरीके से दर्ज करके समय की बचत, कम परिश्रम, यात्रा लागत में कमी आदि लाभ प्राप्त होंगे। साथ ही, ये वर्चुअल कोर्ट पूरे महाराष्ट्र के ट्रैफिक चालान मामलों, वादी के जुर्माना अदा करने और यातायात चालान मामलों का निपटारा स्मार्टफोन या कम्प्यूटर द्वारा कर सकेगा।
यह वर्चुअल कोर्ट नागपुर ज़िले के काटोल से काम करेगा। इसमें देश भर के न्यायाधीश ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेंगे।
ध्यातव्य है कि भारत में वर्चुअल ट्रैफिक कोर्ट की शुरूआत सबसे पहले दिल्ली में की गई थी, जिसमें वर्चुअल कोर्ट को लगभग 27 लाख चालान प्राप्त हुए थे तथा सरकार द्वारा ऑनलाइन माध्यम से 19.8 करोड़ रूपए वसूले गए थे। अब तक लगभग 202.35 करोड़ का लेनदेन ई-कोर्ट वेबसाइटों के माध्यम से किया जा चुका है, जबकि अधिवक्ताओं और वादियों को लगभग 4.84 करोड़ ई-मेल भेजे जा चुके हैं।