ओडिशा के मनकीडिया समुदाय को मिला वनों पर निवास अधिकार
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में ओडिशा के मनकीडिया समुदाय को वनों पर निवास अधिकार प्राप्त हुआ
इन्हें निवास अधिकार अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) (E) के तहत दिए गए हैं।
मनकीडिया समुदाय ओडिशा में वनों पर निवास अधिकार पाने वाला छठा PVTG (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) समुदाय है।
पौडी भुइयां ओडिशा में निवास अधिकार प्राप्त करने वाले पहले PVTG थे।
ओडिशा में वनों पर निवास अधिकार पाने वाले –
पौडी भुइयां
जुआंग
चुकटिया भुजिया
साओरा
डोंगरिया कौंध
मनकीडिया
मनकीडिया समुदाय
मनकीडिया समुदाय एक ऑस्ट्रो-एशियाई समुदाय है
ये अपनी आजीविका और अनुष्ठानिक प्रथाओं के लिए जंगल पर निर्भर रहते हैं
ये मुख्य रूप से ओडिशा के मयूरभंज, संबलपुर, कालाहांडी और सुंदरगढ़ ज़िलों में पाए जाते हैं
ये छोटे-छोटे समूहों में जंगलों में घूमते हैं
ये टांडा/टांडिया नामक विभिन्न अस्थायी बस्तियों में रहते हैं
PVTG (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह)
गृह मंत्रालय द्वारा 75 जनजातीय समूहों को PVTG के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
ये मुख्यतः 18 राज्यों तथा अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह में पाए जाते हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय इनके विकास से जुड़ी योजनाएँ कार्यान्वित करता है।
भारत सरकार PVTG की पहचान के लिए निम्नलिखित मानदंडों का पालन करती है -
प्रौद्योगिकी पूर्व-कृषि स्तर।
साक्षरता का निम्न स्तर।
आर्थिक पिछड़ापन।
घटती या स्थिर आबादी।
वर्ष 1973 में ढेबर आयोग द्वारा सबसे कम विकसित जनजातियों को ‘आदिम जनजातीय समूह’ (Primitive Tribal Groups– PTGs) की एक अलग श्रेणी के रूप वर्गीकृत किया गया था।
वर्ष 1975 में भारत सरकार द्वारा कमज़ोर आदिवासी समूह (PTG) नामक एक पृथक श्रेणी बनायी गई तथा 52 ऐसे समूहों को अधिसूचित किया गया।
वर्ष 1993 में 23 अन्य समूहों को PTG श्रेणी में सम्मिलित किया गया।
वर्ष 2006 में भारत सरकार ने PTG का नाम बदलकर PVTG कर दिया था।
देश में सूचीबद्ध PVTG समूहों की सबसे अधिक संख्या ओडिशा (13) में तथा इसके बाद आंध्र प्रदेश (12) में पाई जाती है।
प्रश्न - देश में सूचीबद्ध PVTG समूहों की सबसे अधिक संख्या किस राज्य में पाई जाती है ?