राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit)
- एक वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार द्वारा किये गए व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) और सरकार की आय (ऋण प्राप्तियों को छोड़कर) के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं।
- यह उस धन को दर्शाता है, जिसे सरकार को अपनी व्यय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये उधार लेने के आवश्यकता होती है।
- इसे जीडीपी के प्रतिशत के रूप में दर्शाया जाता है।
- राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम 2003 ने 31 मार्च 2021 तक सरकार को अपना राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3 प्रतिशत तक करने का सुझाव दिया था।
- एनके सिंह समिति द्वारा सिफारिश की गई थी कि सरकार को 31 मार्च, 2020 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3 प्रतिशत तक किया जाना चाहिये, जिसे वर्ष 2020-21 में 2.8 प्रतिशत तक और वर्ष 2023 तक 2.5 प्रतिशत तक कम करना चाहिये।
|