(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - पुरानी पेंशन योजना, राष्ट्रीय पेंशन योजना)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)
चर्चा में क्यों
- राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ के बाद, पंजाब ने भी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में लौटने की घोषणा की है।
- कई अन्य राज्यों के कर्मचारी भी पुरानी पेंशन योजना मे लौटने की मांग कर रहे है।
पुरानी पेंशन योजना
- देश में 2004 से पहले पुरानी पेंशन योजना लागू थी।
- इसमे पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी।
- इस योजना के तहत GPF (General Provident Fund) की सुविधा भी उपलब्ध थी।
- रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता था।
- पुरानी पेंशन योजना एक सुरक्षित पेंशन योजना है, इसमें भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से किया जाता था।
- इस योजना में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती थी।
- पुरानी पेंशन योजना में प्रत्येक 6 महीने के बाद महंगाई भत्ता मिलता था।
- पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया था, इसके बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme-NPS) की शुरुआत की गई।
पुरानी पेंशन योजना से संबंधित मुद्दे
- पुरानी पेंशन योजना कुल कार्यबल के केवल 12% को कवर करती थी, जिससे लगभग 88% श्रमिक बिना किसी पेंशन कवरेज के रह जाते थे।
- पुरानी पेंशन योजना से केंद्र तथा राज्य सरकारों पर अधिक मात्रा में वित्तीय बोझ पड़ रहा था।
- जीवन प्रत्याशा में सुधार, महंगाई भत्ते में समय-समय पर वृद्धि और पेंशन को वेतन के मौजूदा स्तरों से जोड़ने के कारण सरकारों की पेंशन देनदारियां और भी बढ़ जाने की संभावना थी।
- पुरानी पेंशन योजना में जल्दी सेवानिवृत्ति को प्रोत्साहित किया जाता था, क्योंकि पेंशन अंतिम आहरित वेतन पर तय की जाती थी।
- शीघ्र सेवानिवृत्ति के परिणामस्वरूप सरकार द्वारा मानव संसाधन का कम उपयोग किया जाता था।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)
- यह योजना 1 अप्रैल, 2004 से प्रभावी है।
- इसका नियमन पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा किया जाता है।
- पीएफआरडीए द्वारा स्थापित नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएसटी) एनपीएस के तहत सभी परिसंपत्तियों का पंजीकृत मालिक है।
- 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में शामिल हुए कर्मचारी, इस योजना के तहत अपने वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा पेंशन के लिए योगदान करते है।
- इसके अतिरिक्त राज्य सरकार कर्मचारी के वेतन के 14 प्रतिशत के बराबर योगदान देती है।
- पेंशन की सभी राशि पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण के पास जमा होती है।
- रिटायरमेंट पर कर्मचारी इस फंड में से 60 फीसदी राशि निकाल सकते हैं, जिस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है, शेष 40 फीसदी का एन्युइटी में निवेश किया जाता है, जिस पर टैक्स लगता है।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, शेयर बाजार से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर ही पेंशन का भुगतान किया जाता है।
- शेयर बाजार से जुड़े होने के कारण इसमे मिलने वाली पेंशन को लेकर अनिश्चितता रहती है।
- नई पेंशन योजना में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को भी शामिल नहीं किया गया है।
- मई 2009 के बाद से राष्ट्रीय पेंशन योजना भारत के सभी नागरिकों के लिये उपलब्ध है।
- 18-65 वर्ष का कोई भी भारतीय नागरिक (निवासी और अनिवासी दोनों) एनपीएस में शामिल हो सकता है।
- भारत के प्रवासी नागरिक और भारतीय मूल के व्यक्ति कार्डधारक तथा हिंदू अविभाजित परिवार राष्ट्रीय पेंशन योजना के लिये पात्र नहीं हैं।
प्रश्न - निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में शामिल हो सकता है? (UPSC-2017)
A) केवल निवासी भारतीय नागरिक
B) 21 से 55 वर्ष की आयु के व्यक्ति
C) संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचना की तिथि के बाद सेवाओं में शामिल होने वाले सभी राज्य सरकार के कर्मचारी
D) सशस्त्र बलों के कर्मचारियों सहित केंद्रीय सरकार के सभी कर्मचारी जो 1 अप्रैल 2004 को या उसके बाद सेवाओं में शामिल हुये
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