केरल सरकार द्वारा नियंत्रित दो मंदिर बोर्डों ने ओलियंडर (Oleander) फूलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ओलियंडर फूल
- नाम : नेरियम ओलियंडर (Nerium oleander) को प्राय: ओलियंडर या रोज़बे नाम से
- अन्य नाम : केरल में अराली एवं कनवीराम
- प्रसार : प्रमुखतया उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय एवं समशीतोष्ण क्षेत्रों में
- प्रयोग : प्राय: सजावट एवं प्राकृतिक छटाओं के लिए
- विशेषता :
- सूखे के प्रति सहनशील
- विभिन्न किस्मों के फूलों का रंग भिन्न
- फूल व पतियाँ विषैली

ओलियंडर के विषैले होने का कारण
- इसमें विषैलेपन का कारण ओलिएन्ड्रिन, फोलिनेरिन एवं डिजिटॉक्सिजेनिन सहित कार्डियक ग्लाइकोसाइड्स (एक प्रकार का रसायन) के गुणों का पाया जाना है, जो इस पौधे के सभी भागों में मौजूद होता हैं।
- कार्डिएक ग्लाइकोसाइड्स स्टेरायडल यौगिक हैं जो हृदय की मांसपेशियों पर औषधीय प्रभाव डालने में सक्षम होते हैं।
क्या आप जानतें हैं?
- आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया (API) के अनुसार, इसकी जड़ की छाल से तैयार तेल का उपयोग चर्म रोगों के उपचार में किया जा सकता है।
- API आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता, शुद्धता एवं शक्ति का वर्णन करने वाला एक सरकारी दस्तावेज़ है।
- बृहत्त्रयी, चरक संहिता एवं भावप्रकाश जैसे ग्रंथों में इस पौधें का उल्लेख मिलता है।
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प्रश्न - हाल ही में किस राज्य में मंदिरों में ओलियंडर फूलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया ?
(a) केरल
(b) असम
(c) बिहार
(d) नागालैंड
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