- भारतीय रिजर्व बैंक ने लघु वित्त बैंकों को ऑन टैप लाइसेंसिंग मानदंडों के अनुसार सार्वभौमिक बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
- सार्वभौमिक बैंक ऐसे बैंक होते हैं जो वाणिज्यिक बैंक और निवेश बैंक दोनों की वित्तीय सेवाएँ प्रदान करते हैं और साथ ही बीमा जैसी अन्य वित्तीय सेवाएं भी प्रदान करते हैं
- ऑन टैप नीति के तहत कोई भी पात्र लघु वित्त बैंक, सार्वभौमिक बैंक लाइसेंस के लिए RBI में किसी भी समय आवेदन कर सकती है।
लघु वित्त बैंक को सार्वभौमिक बैंक बनाने के लिए निर्धारित मानदंड
- न्यूनतम पांच वर्ष का संतोषजनक प्रदर्शन
- किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना
- पिछली तिमाही के अंत में न्यूनतम शुद्ध संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये होना
- जोखिम भारित अनुपात (CRAR) के लिए निर्धारित पूंजी होना
- पिछले दो वित्तीय वर्षों में बैंक शुद्ध लाभ होना
- पिछले दो वित्तीय वर्षों में सकल गैर-निष्पादित संपत्ति 3 प्रतिशत से कम या उसके बराबर हो
- पिछले दो वित्तीय वर्षों में शुद्ध गैर-निष्पादित संपत्ति 1 प्रतिशत से कम या उसके बराबर हो
लघु वित्त बैंक
- रघुराम राजन समिति ने वर्ष 2008 में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए लघु वित्त बैंक की स्थापना की सिफारिश की थी।
- ये छोटे व्यवसायियों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों, किसानों तथा वंचित वर्गों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएँ एवं ऋण सुविधाएँ प्रदान करते हैं
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इनका विनियमन किया जाता है
- भारत में स्थापित होने वाला पहला लघु वित्त बैंक कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक था।
- इसकी स्थापना वर्ष 2016 में हुई थी
- वर्तमान में देश में 12 लघु वित्त बैंक हैं।